अजमेर रोड, करणी विहार थाना क्षेत्र मेें रहने वाले 63 साल के सुल्ताना राम ने एक नामी शॉपिंग साइट से आनलाइन कृषि उपकरण मंगाने की प्लानिंग की। शॉपिंग साइट पर उपकरणों को तलाश लिया और इस बारें में ज्यादा जानकारी लेने के लिए कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया। कस्टमर केयर का नंबर गूगल किया और जो मोबाइल नंबर सामने आया उस पर बातचीत शुरु कर दी। फोन नंबर पर बातचीत करने वाले ने टीम व्यूअर किव्क सपोर्ट एसएमएस टू फोन नाम से एक एप डाउनलोड़ कराया और सुल्ताना राम के खाते में सेंध लगाना शुरु कर दिया। सुल्ताना राम कृषि उपकरणों के बारे में जानकारी मांगते रहे और बातों ही बातों में अपनी निजी जानकारियां भी शेयर कर दीं। इनका फायदा उठाकर जो मैसेज, ओटीएप सुल्तानाराम के फोन पर आए वे ठग ने एप के जरिए कॉपी कर लिए। उसके बाद जब खाते से रुपए साफ होने के मैसेज आने लगे तो बुजुर्ग के पैरों तले जमीन सरक गई। देखते ही देखते सात लाख पचास हजार रुपए खाते से निकाल लिए गए। इस बारे में जब परिजनों को जानकारी दी तो पहले वे करणी विहार थाना पहुंचे बाद में उनको कमिश्नरेट के साइबर सैल थाने में भेज दिया गया। आरोपी की तलाश करने के लिए अब पुलिस के पास सिर्फ एक मोबाइल नंबर है वह भी बंद आ रहा है।
डॉलर में तनख्वाह पाने के चक्कर में गंवा दिए हजारों रुपए
मर्चेंट नेवी में खुद को कैप्टन बताकर एक ठग ने 19 साल के एक युवक को ठग लिया। खातों से हजारों रुपए साफ कर दिए और बाद में जब पूरा मामला खुला तो हंगामा मच गया। अंबाला हरियाणा में रहने वाले विशाल के खाते से रुपए निकल गए। बताया जा रहा है कि ये रुपए सीतापुरा जयपुर स्थित एक बैंक में पहुंचे और वहां से निकाल लिए गए। अब सांगानेर सदर पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। पुलिस ने बताया कि मर्चेंट नेवी में नौकरी दिलाने के नाम पर यह ठगी हुई। नेवी में पाइपर की जॉब दिलाने के नाम पर दीपक नाम के एक युवक ने विशाल से बातचीत की। दीपक ने खुद को केप्टन बताया और कई बड़े अफसरों के नाम भी गिना दिए। इससे विशाल ने दीपक पर भरोसा कर लिया और उसके बताए आधार पर अपना सीवी और अन्य कुछ जानकारी मेल के जरिए दीपक को भेज दी। दीपक ने बताया की चार सौ पचास डॉलर हर महीना पगार होगी और इसके अलावा अन्य कुछ खर्च भी दिया जाएगा। जॉब के लिए मेडिकल और अन्य औपचारिकताओं के नाम पर पूरी डील एक लाख सत्तर हजार रुपए में हुई। जिसमें से पचास हजार रुपए पहले खाते में ट्रांसफरा करा लिए गए। दीपक की बताई जगह से ही विशाल ने मेडिकल और अन्य औपचारिकताएं पूरी की। इनकी रिपोर्ट भी उसके वाट्स एप नंबर पर भेजी दीं। लेकिन बात में पता चला कि नंबर ही बंद है। कई बार दीपक से संपर्क करने के बाद भी संपर्क नहीं हुआ तो परिजनों को ठगी का एहसास हो गया। उसके खिलाफ अब मुकदमा दर्ज कराया गया है।