सूत्रों का कहना है कि विभाग बंटवारे को लेकर अशोक गहलोत, सचिन पायलट और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे एक्सरसाइज कर चुके हैं। इसका प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है। हालांकि अब भी कुछ विभागों को लेकर विवाद बना हुआ है।
इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से सलाह करने की बात की जा रही है। मंगलवार को भी दिनभर विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चा चलती रही, लेकिन घोषणा नहीं हो सकी। जिसके बाद चर्चा ये है कि अब विभागों का बंटवारे का फॉर्मूला भी कांग्रेस आलाकमान तय करेंगे।
एक ओर जहां हर फैसले के लिए आलाकमान पर निर्भर रहने से गहलोत सरकार की किरकिरी हो रही है, वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भी अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। सरकार में चल रही खींचतान से पार्टी नेता भी चिंतित हैं। नेताओं का कहना है कि इस तरह की खबरों से जनता में अच्छा मैसेज नहीं जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल और अब विभागों के बंटवारे को लेकर दिल्ली पर निर्भर रहने पर विपक्ष ने भी निशाना साधा है। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा और रालोपा प्रमुख हनुमान बेनीवान ने सवाल खड़े किए हैं। विपक्ष का कहना है कि सरकार को हर मामले में अपने आलाकमान से पूछकर काम करना पड़ रहा है।