scriptलक्ष्मी-जगदीश महाराज के वार्षिक मेले में उमड़े श्रद्धालु | Devotees gathered in the annual fair of Lakshmi-Jagdish Maharaj | Patrika News
जयपुर

लक्ष्मी-जगदीश महाराज के वार्षिक मेले में उमड़े श्रद्धालु

लक्ष्मी-जगदीश महाराज के वार्षिक मेले में दूरदराज के अंचलों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने जगदीश धणी के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाया और सुख-समृद्धि की कामना की।

जयपुरMar 27, 2024 / 03:11 pm

Devendra Singh

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जयपुर. कोई जयकारों के बीच कोई कनक दंडवत लगाते हुए तो कोई नंगे पांव पैदल चल कर जगदीश महाराज के धाम पहुंच रहा था, तो कोई पद यात्राओं के साथ। कुछ ऐसा ही नजारा दिखा जगदीश महाराज के चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीया को लगने वाले मेले का। वार्षिक मेले में दूरदराज के अंचलों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने जगदीश धणी के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाया और सुख-समृद्धि की कामना की। मंगला आरती से ही जगदीश महाराज के जयकारे लगने का सिलसिला शुरू हो गया, जो शयन आरती तक जारी रहा। मंदिर के महंत हनुमान दास के सान्निध्य में प्रात: ठाकुरजी का अभिषेक कर पोशाक धारण करवाकर विशेष शृंगार किया गया। कई श्रद्धालुओं ने मन्नतें पूरी होने पर मंदिर पर ध्वजाएं बांधी। कस्बे में पूरे दिन उत्सवी माहौल नजर आया। मेले में रामगढ़, पचवारा, लालसोट, तुंगा, कोटखावदा, दौसा, बस्सी, चाकसू, आदि स्थानों से ग्रामीण एक दिन पहले धुलंडी की शाम से ही मेले में आना शुरू हो गए थे। इस मौके पर मंदिर को रंगीन रोशनी से सजाया गया।
महंत हनुमान दास ने बताया कि पुरानी परंपरा के अनुसार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से पंचमी तक सुबह भगवान को घेवर का भोग लगाया जाता है। पंचमी के दिन शृंगार आरती के बाद ठाकुरजी को घेवर का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद भगवान को गर्भ गृह से बाहर विराजमान कर नहान पंचमी मनाई जाएगी। इसके बाद गर्भ गृह सहित संपूर्ण मंदिर की गंगा जल से धुलाई कर शाम 5 बजे आरती कर हलुवे का भोग लगाया जाएगा।

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