जयंती पर याद किए गए डॉ दिगंबर सिंह, ‘भावुक’ राठौड़ बोले- ‘पारस’ से दोस्ती कर ‘कुंदन’ की तरह चमक उठा जीवन
डॉ दिगंबर सिंह के सबसे करीबी मित्र रहे विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी लोहागढ़ पहुंचकर अपने सखा को श्रद्धांजलि अर्पित की। राठौड़ ने कहा कि आज का दिन उनके जीवन के लिए अत्यन्त भावुक भरा है।
जयपुर। पूर्व मंत्री व प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे दिवंगत डॉ दिगंबर सिंह की जयंती पर आज उन्हें याद किया जा रहा है। कोरोना काल होने के कारण कुछ जगहों पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम हुए जिसमें सरकार की गाइडलांस का पालन करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये गए।
मुख्य श्रद्धांजलि कार्यक्रम भरतपुर के लोहागढ़ में आयोजित हुआ जहां भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किये। दिगंबर नर्सिंग कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे पार्टी के नेता-कार्यकर्ता के अलावा प्रबुद्धजनों और आमजन ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
डॉ दिगंबर सिंह के सबसे करीबी मित्र रहे विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी लोहागढ़ पहुंचकर अपने सखा को श्रद्धांजलि अर्पित की। राठौड़ ने कहा कि आज का दिन उनके जीवन के लिए अत्यन्त भावुक भरा है।
राठौड़ ने कहा, ‘’आज भरतपुर के लोहागढ़ के विकास पुरुष, पूर्व कैबिनेट मंत्री व परम मित्र डॉ. दिगंबर सिंह की जन्म जयंती है। मैं खुशनसीब हूं कि मुझे डॉ. साहब जैसा दोस्ती के रूप में पारस पत्थर मिला, जिसकी दोस्ती पाकर जीवन कुंदन की तरह चमक उठा।‘’
पुराने दिन याद करते हुए राठौड़ ने कहा, ‘’शायद ही कोई दिन हो जब उन्हें मित्र के रूप में डॉ. साहब की याद नहीं आती हो। उनकी जिंदादिली, हंसमुख व शानदार व्यक्तित्व और मेरे जीवन के हर कठिन समय में साथ खड़े रहना, मेरी हौसला अफजाई करना, ना जाने कितने ही गुण उनमें कूट-कूट कर भरे हुए थे, सच कहूं तो इसे शब्दों में बयां करना असंभव है।‘’
उपनेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा, ‘’जिंदगी के वो पल मुझे अक्सर रुला जाते हैं बिछड़े हुए दोस्त जब यादों में लौट आते हैं। मेरे मित्र डॉ. साहब आज हमारे बीच जीवित नहीं हैं लेकिन उनसे जुड़ी हरेक स्मृतियां मेरे दिल में बसी हुई हैं।‘’
Flash Back- डॉ दिगंबर सिंह का जन्म एक अक्टूबर 1951 को भरतपुर में हुआ था। लम्बी बीमारी के बाद उन्होंने 27 अक्टूबर 2017 को जयपुर के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। तत्कालीन भाजपा सरकार में स्वास्थ्य एवं उद्योग मंत्री रह चुके डॉ. दिगम्बर सिंह को भाजपा के कद्दावर जाट नेता के रूप में पहचाना जाता रहा। डॉ. सिंह राज्य की बीसूका समिति के उपाध्यक्ष भी रहे। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी इस जाट नेता का भरतपुर व धौलपुर में अच्छा खासा प्रभाव माना जाता रहा। वे वर्ष 2003-2013 तक दो बार डीग-कुम्हेर विधानसभा से विधायक चुने गए थे।
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