scriptJLF 2020: ‘भारत हो या अमरीका हर जगह असमानता’ | Discussion on gay community at Jaipur Literature Festival | Patrika News
जयपुर

JLF 2020: ‘भारत हो या अमरीका हर जगह असमानता’

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) के अंतिम दिन साहित्य के महाकुंभ में रंग, जाति, वर्ण और नेशनलिटी के आधार पर चर्चा हुई।

जयपुरJan 27, 2020 / 01:19 pm

santosh

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जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) के अंतिम दिन साहित्य के महाकुंभ में रंग, जाति, वर्ण और नेशनलिटी के आधार पर चर्चा हुई, जिसमें बताया गया कि आज भी चाहे वह भारत हो या अमरीका हर जगह असमानता है।

 

सेशन में राइटर विवेक तेजुजा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि समलैंगिक समुदाय के सामने आज भी सबके सामने अपनी बात को रखना एक समस्या है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कुछ आसान हुआ है।

 

विवेक ने बताया कि समलैंगिक लोगों को किस प्रकार के भेदभाव का सामना करना पड़ता है। वहीं यशिका दत्त ने दलित वर्ग के लेकर व्याप्त भेदभाव का उल्लेख किया। उन्होंने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि इनके एक टीचर का कहना था कि वह सभी को एक समान मानते हैं लेकिन किसी दलित के साथ खाना नही खा सकते।

 

वही शर्मिला सेन का कहना था कि चाहे भारत हो या अमरीका जाति और रंग को लेकर असमानता है। आज भी लोगों को अपनी जाति और रंग के आधार पर पहचाना जाता है या सम्मान दिया जाता है। उन्होंने गे कम्युनिटी का जिक्र करते हुए कहा कि उनके लिए सबके सामने आना इतना आसान नहीं है और व्यक्तिगत रूप से यह काफी परेशानी का मुद्दा है। हालांकि अब इसे कई देशों में स्वीकार किया जा रहा है। फिर भी खुलकर इस पर बात नहीं की जाती।

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