वहीं दिव्यांश के परिवार का हाल बेहाल है। पूरा परिवार सदमे में है। मां कैला देवी और दादी ढोली देवी का रो—रोकर हाल बेहाल है। दोनों बच्चे को याद कर बार—बार बेसुध हो जाती हैं। परिवार में न कोई ठीक से खा पा रहा है और न ही सो पा रहा है। दिव्यांश के पिता अंकुर योगी और गांव से आए रिश्तेदार जैसे—तैसे इन्हें संभाल रहे हैं। फिर भी हर आहट से एक डर परिवार को सता रहा है। इस उम्मीद में कि इस बार कोई अच्छी खबर मिल जाए। इसलिए परिजन चार दिन में कई बार एसएमएस थाने जाकर खोज—खबर लाए हैं।
खुद को माफी नहीं कर पा रहे दादा दिव्यांश के दादा कालू खुद को माफ नहीं कर पा रहे हैं। वह हर समय रोते हुए बस एक ही बात बोल पाते हैं: कोई मेरे पोते को वापस ला दो। उन्होंने कहा कि मेरी बुद्धि खराब हो गई थी जो मैंने पोते को उस हैवान को दिया। मुझे क्या पता था मेरी यह गलती पूरे परिवार की खुशियों को बर्बाद कर देगी।
जयपुर ने चलाया महाभियान वहीं जयपुर की जनता ने पुलिस की ओर से जारी किए गए पोस्टर्स की फोटो लोग अपने व्हाटसएप, फेसबुक, ट्वीटर व अन्य माध्यमों से अधिक से अधिक वायरल कर रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स आरोपी की जल्द से जल्द सूचना देने की अपील कर रहे हैं। दिव्यांश और आरोपी की फोटो लोग अपने डीपी और व्हाटसएप स्टेटस पर लगा रहे हैं।
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यह है मामलादौसा के सैंथल निवासी चांदराना निवासी अंकुर योगी का चार वर्षीय बेटा आयुष 25 जुलाई से बांगड़ में न्यूरो सर्जरी वार्ड में भर्ती है। अंकुर के साथ पत्नी कैला देवी, 4 माह का पुत्र दिव्यांश उर्फ लक्की, पिता कालूराम रावत और मां ढोली देवी भी अस्पताल में थे। बुधवार को कालूराम बांगड़ के गेट के बाहर बैठे पोते को खिला रहे थे। तभी मंगलवार से उनके साथ घूम रहे एक युवक ने कालूराम को भोजन करने के लिए कहकर दिव्यांश को गोद में ले लिया और उसे खिलाने लग गया। कालूराम भोजन करने लगे और युवक दिव्यांश को लेकर भाग गया।
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पुलिस के प्रयासदिव्यांश और अपहरणकर्ता युवक की तलाश में सीकर, दौसा, कोटा और मध्यप्रदेश के खरगोन, देवास व उज्जैन भी पुलिस टीम गई है। पुलिस ने अपहरणकर्ता की पुख्ता सूचना देने वाले को 5 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। पुलिस ने बच्चे व अपहरणकर्ता की फोटो के 4 हजार पोस्टर छपवाए हैं। ताकि जयपुर से बाहर भी इन पोस्टरों को भेजकर बच्चे व अपहरणकर्ता की तलाश की जा सके।