script‘क्या आपको याद हैं चाचा चौधरी, नागराज, बिल्लू और पिंकी…’ राजस्थान में एक बार फिर आया इन कॉमिक्स का दौर | 'Do you remember Chacha Chaudhary, Nagraj, Billu and Pinky…' The era of these comics has come once again | Patrika News
जयपुर

‘क्या आपको याद हैं चाचा चौधरी, नागराज, बिल्लू और पिंकी…’ राजस्थान में एक बार फिर आया इन कॉमिक्स का दौर

एक दौर था, जब चाचा चौधरी, बिल्लू जैसी कॉमिक्स ही मनोरंजन का साधन हुआ करती थीं।

जयपुरMay 24, 2024 / 09:07 am

Supriya Rani

जयपुर। एक दौर था, जब चाचा चौधरी, बिल्लू जैसी कॉमिक्स ही मनोरंजन का साधन हुआ करती थीं। इसके लिए बच्चे पैसा इकट्ठा करते या किराए पर पढ़ने के लिए लाते थे लेकिन धीरे-धीरे इनकी जगह मोबाइल फोन ने ले ली और बाजारों से ये गायब होती रहीं। एक समय ऐसा आया कि ये सिर्फ यादों में सिमट कर रह गईं। अब शहर के कुछ बुक स्टोर्स पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कॉमिक्स की सीरिज नए कलेवर में उपलब्ध हैं। इनके मूल प्रकाशकों ने इन कॉमिक्स को नए कलेवर में लॉन्च किया है। चाचा चौधरी, नागराज, कैप्टन ध्रुव, पिंकी, बिल्लू, स्पाइडरमैन सहित अन्य किरदारों की कॉमिक्स पुरानी कहानियों के साथ नई रेंज में बुक स्टोर पर मिल रही है।

शहर के बुक सेलर्स के अनुसार पहले करीब 100 से अधिक बुक स्टॉल पर प्रतिदिन लगभग दस लाख मैग्जीन, नॉवेल, बुक सीरिज बिकती थीं, लेकिन सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग से इनकी बिक्री करीब 50 फीसदी तक कम हो गई लेकिन कोरोना काल के बाद से लोग वापस किताबों और कॉमिक्स की ओर लौट रहे हैं। इसी को देखते हुए मूल प्रकाशक नए कलेवर के साथ कॉमिक्स प्रकाशित कर रहे हैं।

एनआरआइ अधिक खरीद रहे कॉमिक्सबुक

सेलर मनोज ने बताया कि 15 वर्ष पहले तक कॉमिक्स खूब खरीदी जाती थी। कॉमिक्स के वापस आने से वही दीवानगी लौट रही है। चाचा चौधरी, बिल्लू, पिंकी जैसी कॉमिक्स स्थानीय लोगों की जगह एनआरआइ अधिक खरीद रहे हैं। जब वे यहां आते हैं तो पूरी सीरिज खरीदकर लेकर जाते हैं और बच्चों को अपने जमाने की बातें बताते हैं। ये कॉमिक्स हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषा में उपलब्ध हैं। पिछले वर्ष तक इन कॉमिक्स की कीमत 50 रुपए हुआ करती थी, जो अब पढ़कर 100 रुपए तक पहुंच गई है।

नागराज कॉमिक्स एक दिन में ही बिक रही

बुक सेलर नरेंद्र ने बताया कि कॉमिक्स और बच्चों पर केंद्रित किताबों में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया जाता था। अब उसी तरह की मनोरंजक पुस्तकें बाजार में उपलब्ध हैं। नागराज कॉमिक्स के इतने लोग आज भी फैन हैं कि स्टॉक आते ही दो दिन में खत्म हो जाता है।

झोटवाड़ा निवासी राकेश शर्मा पिछले दो महीने से कॉमिक्स के नियमित ग्राहक हैं। उन्होंने बताया कि घर में बच्चे को मोबाइल की लत इतनी ज्यादा हो गई कि न देने पर वह आक्रमक हो जाता है। डॉक्टर की सलाह ली तो उन्होंने बताया कि बच्चों को रीडिंग की ओर लेकर जाओ। बच्चे को कॉमिक्स देना शुरू किया, पहले उसने रूचि नहीं दिखाई। फिर खुद उसे पढ़कर सुनाने लगा। अब उसे भी नई नई सीरीज का इंतजार रहता है।

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