वहीं राजधानी के अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भी करीब 125 ऑपरेशन टलने से आने वाले दिनों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दरअसल, एसएमएस अस्पताल के कुछ सुपरस्पेशियलिटी विभागों न्यूरोसर्जरी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी आदि में तो दो महीने तक की वेटिंग ऑपरेशनों के लिए चलती है। ऐसे में आने वाले कुछ सप्ताह के ऑपरेशन भी लगातार प्रभावित होंगे।
इमरजेंसी ओटी से हालात नियंत्रण में करने की कोशिश इधर, ऑपरेशन टलने के बाद अस्प्ताल प्रशासन का दावा है कि आने वाले दिनों में इमरजेंसी ऑपरेशन थियेटर के जरिये ऑपरेशन की वेटिंग को नियंत्रण में कर लिया जाएगा। इस दौरान अधिक से अधिक ऑपरेशनों को इन ओटी में समायोजित करने की कोशिश की जाएगी।
एसएमएस में प्रतीक्षा सूची वाले गंभीर मरीज – कैंसर के मरीज – बाईपास सर्जरी सहित हृदय की गंभीर बीमारियों वाले मरीज – सिर की चोट व तत्काल ऑपरेशन की आवश्यकता वाले मरीज
– प्लास्टिक सर्जरी से संबंधित मरीज सुबह काम पर वापस लौटे रेजिडेंट इधर, सोमवार सुबह 6 बजे से मंगलवार सुबह 6 बजे तक की हडताल के बाद 8 बजे से एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर काम पर लौट आए। जिससे मरीजों को कुछ राहत मिली। ओपीडी में सामान्य दिनों की तरह रेजिडेंट और सीनियर डॉक्टर पहुंचे।
Doctors strike : प्रदेशभर के अस्पतालों में टले सैकडों ऑपरेशन, इलाज के लिए परेशान होते रहे मरीज