बड़े होते बच्चे अक्सर दुनिया के भ्रम को समझने और संभालने में संघर्ष करते हैं, अपने पैशन को समझने में भी उन्हें काफी मेहनत करनी होती है। ऐसे मे उनकी हर मुश्किल आसान करने की बजाय अपनी सीमाएं निर्धारित करके ही उनके प्रति अपना प्यार दिखाएं ताकि आपके बच्चे सुरक्षित रूप से अपने पैशन का पता लगा सकें और खोज सकें।
अपने बच्चे के पंख न बनें। जीवन में आपका बच्चे का मिशन आत्मनिर्भरता हासिल करना होना चाहिए। इसलिए जब वह अपने खिलौनों संभाल कर रखने, अपनी प्लेट को साफ करने और खुद की ड्रेसिंग करने में सक्षम है, तो ऐसे काम उसी के लिए रहने दीजिए। एक बच्चे को जिम्मेदारी देना उसके आत्म-सम्मान के लिए अच्छा है।
अगर आपका बच्चा, अपना समाधान स्वयं खोजने की कोशिश कर रहा है तो उसके लिए सब कुछ ठीक करने की कोशिश मत करें। छोटे बच्चों को अपना समाधान खोजने का मौका दें। जब आप उसे बचाने के लिए तुरंत भागने की बजाय एक बच्चे की मामूली निराशाओं को प्यार से स्वीकार करते हैं तो आप उसे आत्मनिर्भरता और लचीलापन सिखाते हैं।
याद रखें कि अनुशासन दंड नहीं है। अनुशासन को लागू करने की सीमा वास्तव में बच्चों को सिखाने तक सीमित रखें कि वे दुनिया में कैसे व्यवहार करें। यह उन्हें सक्षम करने, देखभाल करने और नियंत्रण में रखने में मदद करने के लिए है।
उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करें जो वास्तव में मायने रखती हैं – इसका मतलब है कि उसकी अशिष्ट बात या झूठ बोलना जैसी बातें। यह मायने नहीं रखता कि उसकी पसंद क्या है जब तक कि वह किसी के लिए नुकसानदेह न हो।