
मिशन 2023 को पूरा करने के लिए अब कांग्रेस ने कमर कस ली है। अब एक ही यक्ष प्रश्न है, सरकार फिर आएगी या जाएगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को उम्मीद है कि इसका सही जवाब उन्हें अपने विधायकों से मिलेगा। सुबह 11 से शाम 6 बजे तक बंद कमरे में विधायकों से 'वन टू वन' चर्चा हुई। पहले चरण की शुरुआत अजमेर और जोधपुर संभाग से की। तीन दिवसीय इस फीडबैक में मंगलवार को कोटा, उदयपुर और भरतपुर संभाग के विधायकों से चर्चा की जाएगी।
चर्चा के दौरान गोविंद सिंह डोटासरा के व्यंग्यात्मक अंदाज ने माहौल गरमा दिया। उनियारा से विधायक हरीश मीना का जब नम्बर आया तो वह भी गहलोत, रंधावा और डोटासरा से मिलने बंद कमरे में पहुंचे। उन्हें देखते ही डोटासरा ने चुटकी ले डाली। वे रंधावा को मीना का परिचय कराते हुए बोले कि इनसे मिलिए, यह हैं पूर्व पुलिस महानिदेशक, भाजपा के पूर्व सांसद और मानेसर रिटर्न।
मानेसर रिटर्न की बात सुनते ही मीना भड़क गए। उन्होंने भी बोल दिया कि यदि ऐसी बातें होंगी तो अबकी बार चुनाव जीतना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन हो जाएगा। प्रियंका गांधी वाड्रा और अहमद पटेल ने सचिन पायलट और हमें मानेसर से बुलाकर मामला निपटाया था। मीना ने डोटासरा से पूछा कि क्या आप इनसे भी बड़े हैं। रंधावा समझ गए कि स्थिति बिगड़ चुकी है। नतीजतन उन्होंने स्वयं मीना को समझाया और अलग से बातचीत करके उन्हें शांत किया।
मसूदा से विधायक राकेश पारीक ने भी मानेसर रिटर्न पर नाराजगी जाहिर की। वे बोले कि बार-बार मानेसर का जिक्र करके चुनावी साल में क्या संदेश दे रहे हैं? राहुल गांधी ने गहलोत और पायलट दोनों को पार्टी एसेट बताया है। अब यदि ऐसी बातें होंगी तो पार्टी कमजोर ही होगी। उन्होंने भी पूछा कि यदि सबको साथ नहीं रखा तो सरकार कैसे रिपीट होगी।
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पर पायलट नहीं आए
पायलट भी अजमेर संभाग के टोंक विधानसभा से विधायक हैं। लिहाजा उन्हें भी चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया। हालांकि वे शाहपुरा और खेतड़ी में आयोजित अपने कार्यक्रम में चले गए। वहीं जोधपुर संभाग में हरीश चौधरी भी नहीं पहुंचे। वे मंगलवार को आएंगे और फीडबैक देंगे। ऐसे ही शेरगढ़ विधायक मीना कंवर और बिलाड़ा विधायक हीराराम मेघवाल भी नहीं आए।
राजे सरकार के भ्रष्टाचार पर भी कार्रवाई हो
केकड़ी विधायक रघु शर्मा ने कहा कि पिछली वसुंधरा सरकार में बड़े घोटाले हुए थे। मैं उस वक्त 1 साल में ही लोकसभा और विधायक का चुनाव जीता। हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ खूब कार्रवाई की लेकिन पूर्ववर्ती सरकार के भ्रष्टाचार पर भी कार्रवाई होनी ही चाहिए।
फीडबैक पर सवाल भी उठे
फीडबैक पर कुछ विधायक ने सवाल भी उठाए। कुछ ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि पिछली बार अजय माकन ने अकेले में फीडबैक लिया था। हालांकि कोई फायदा नहीं हुआ। अब फिर चर्चा लेकिन यदि विधायक को सरकार या संगठन से ही कोई शिकायत है, तो वे मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष के सामने अपनी बात कैसे रख सकेगा।
Published on:
18 Apr 2023 07:15 am
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