नगर निगम ने पिछले साल सफाई के लिए शहर में 897 छोटे नाले चिह्नित किए। इनमें से निगम 867 नालों की सफाई करने का दावा कर रहा है, जबकि निगम अधिकारियों ने 30 नालों की सफाई की जरूरत नहीं बताई। निगम ने जिन नालों की सफाई कराई है, उन पर दो साल में करीब 1.5 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। वहीं सच्चाई यह है कि शहर के कई नाले अब भी कचरे-गंदगी से अटे हुए हैं। जानकारों का कहना है कि निगम ने सिर्फ मुख्य मार्गों के नालों की ही सफाई की है, जबकि अंदरूनी सडक़ों के नालों के साथ कई नालों की सफाई हुए वर्षों हो गए हैं।
हालांकि निगम अधिकारी प्रथम चरण में मार्च तक 413 नालों की सफाई और दूसरे चरण में 15 मई तक 867 नालों की सफाई का दावा कर रहे हैं। निगम के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे अधिक 219 नाले विद्याधर नगर जोन में साफ किए हैं, यहां कुल 223 नाले हैं। वहीं सबसे कम 47 नाले हवामहल जोन पूर्व में साफ किए हैं।
बड़े नाले: सिर्फ एक की सफाई शुरू
शहर के बड़े नालों की बात करें तो निगम ने सिर्फ नागतलाई के नाले की ही सफाई शुरू कराई है, जबकि अन्य बड़े नालों में सफाई हुए कई साल हो गए हैं। निगम ने शहर में सिर्फ 5 ही बड़े नाले चिह्नित कर रखे हैं। निगम की ओर से चिह्नित किए गए बड़े नालों में ब्रह्मपुरी का नाला, सहकार मार्ग का नाला, जवाहर नगर का नाला व शास्त्री नगर में आरपीए रोड का नालों की सफाई को लेकर कोई प्रयास नहीं किए गए।