दरअसल, खेतों में खड़ी फसलों को बचाने के लिए किसान जहरीली दवाओं का छिड़काव करते हैं। साथ ही सब्जियों को जल्द पकाने और ज्यादा उपज के लिए कई तरह की दवाओं का प्रयोग करते हैं। इससे सब्जियां जल्द पककर तैयार तो हो रही है लेकिन इंसानों के जीवन से किसी खिलवाड़ से कम नहीं है। हरी सब्जियां मंडी के जरिये भोजन की थाली तक पहुंचते-पहुंचते उगल रही है।
खाद्य पदार्थों, फलों और हरी सब्जियों को चमकाने के लिए केमिकल का प्रयोग करना आम बात हो गई है। केमिकल से फल-सब्जियां ज्यादा चमक छोड़ रही है। ऐसे में किसानों व व्यापारियों को थोड़ा ज्यादा मुनाफा मिल जाता हैं। ऐसे ही एक मामले में चिकित्सा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। दाल, पनीर, सॉस, दूध और बादाम में मिलावट के बाद अब मटर के नाम पर भी लोगों को धोखा खिलाने का गुरुवार को चिकित्सा विभाग की टीम की कार्रवाई में सामने आया है। आदर्श नगर की साकेत कॉलोनी में नरेन्द्र नाथ भार्गव की फर्म साईं बोइल पीज पर कार्रवाई की तो दंग रह गए। वहां सूखे खराब मटर को चमकाया जा रहा था। इस पर फर्म का खाद्य पंजीकर निरस्त कर वहां खाद्य कारोबार बंद करा दिया गया।
टीम ने फर्म पर पाया कि सूखे खरबा मटर को उबालने के बाद हरा रंग चढ़ाया जा रहा था । रिफाइंड तेल और सोडा मिलाकर सिंथेटिक हरे रंग से खराब मटर को ताजा बनाया जा रहा था। फिर उसे राजपार्क रामगंज ट्रांसपोर्टगर सहित अन्य क्षेत्रों में रेस्त्रां ढाबों और बेकरी पर बेचा जा रहा था। टीम ने मौके पर तैयार पडे दो हजार किलो मटर नष्ट कराए गए।