बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के सबसे पहले मतदान की एक वजह यह भी
दरअसल कांग्रेस थिंक टैंक ने बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों को सबसे पहले वोट कराने का फैसला लिया है। इसकी वजह यह है कि आज बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों के दल बदल कानून के तहत मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी। सुनवाई सुबह 10:30 बजे से होगी, इससे पहले-पहले बसपा विधायक अपना वोट राज्यसभा चुनाव में डाल देंगे, जिससे अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके खिलाफ भी आता है तो भी उनका वोट चुनाव में माना जाएगा।
रणदीप सुरजेवाला के साथ पहली बस होटल से रवाना
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ पहली बस होटल से रवाना हो गई है, जिसमें 41 विधायक मौजूद हैं। बसपा के सभी 6 विधायक भी इसी बस में मौजूद हैं।
कांग्रेस ने 41-41 के आंकड़ों में विधायकों को बांटा
विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने देर रात हुई भोपाल ट्रेनिंग के दौरान ही विधायकों की वरीयता तय कर दी थी और विधायकों को 41-41 के आंकड़े में बांट दिया था और साथ ही यह भी तय कर दिया था कि 41 विधायक किस प्रत्याशी को वोट डालेंगे और 41 विधायक किस प्रत्याशी को वोट डालेंगे। कांग्रेस को तीनों सीटों पर जीत के लिए 123 वोट चाहिए हालांकि दावा कांग्रेस के पास से 126 वोटों का है।
भंवर लाल शर्मा को मिलेगा अटेंडेंट
इधर लंबे समय से बीमार चल रहे कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भंवरलाल शर्मा को मतदान के दौरान अटेंडेंट उपलब्ध करवाया जाएगा और उसकी सहायता से भंवर लाल शर्मा अपना वोट डाल सकेंगे। इसके अलावा अन्य बीमार विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत, मुरारी लाल मीणा, जौहरी लाल मीणा और रूपाराम मेघवाल खुद अपना वोट डालेंगे।
3 सीटें जीतीं तो राज्यसभा में हो जाएंगे कांग्रेस के 6 विधायक
राज्यसभा चुनाव के लिए आज हो रहे मतदान के बाद अगर कांग्रेस 3 सीटों पर जीत दर्ज कर लेती है तो राज्यसभा में कांग्रेस के राजस्थान से छह सांसद हो जाएंगे। इससे पहले डॉ मनमोहन सिंह, कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री कैसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी राज्यसभा जा चुके हैं।
जून 2019 में नहीं था कांग्रेस का एक भी सांसद
इधर जून 2019 में कांग्रेस का एक भी सांसद ने लोकसभा औऱ राज्यसभा में नहीं था। जून 2019 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी के देहांत के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए थे जिसमें कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि बीजेपी ने उस वक्त उनके सामने कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं किया, जिससे मनमोहन सिंह निर्विरोध चुने गए थे। उसके साथ ही राज्यसभा में कांग्रेस का खाता खुला था।