अभियंता इतने डर गए हैं कि उन्होंने अपना सीयूजी मोबाइल तक जमा करवा दिया, ताकि फोन पर किसी प्रकार की धमकी नहीं मिल सके। ऐसा करने जो लोग बिजली बिल की शिकायत अभियंता के सरकारी मोबाइल पर दे रहे थे, अब उनकी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होने की बात भी सामने आ रही है।
बहरोड में अभियंताओं ने उच्चाधिकारी को यह भी कहा है कि उन्हें बहरोड़ के अलावा किसी भी अन्य खंड में लगाया जाए। हुआ यूं कि बहरोड़ खंड में कार्यरत अभियंता इस बात को लेकर खफा हैं कि बिजली के बकाया बिलों की राशि वसूलने और कनेक्शन काटने के दौरान रोजाना उनके साथ मारपीट की जा रही है। अभियंताओं ने लिखित में आरोप लगाया है कि इस दौरान उन्हें लगातार धमकियां भी मिल रही हैं, जिससे अभियंता और उनका परिवार दहशत में आ गया है।
आरोप है कि इस संबंध में ना तो उच्चाधिकारी कोई सहयोग कर रहे हैं और ना ही प्रशासन कोई मदद कर रहा है। यह भी आरोप है कि पूर्व में पुलिस को की गई शिकायत पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिसके चलते अभियंता मानसिक पीड़ा झेल रहे हैं। उनका आरोप है कि लाइन को शटडाउन लेकर काम करने के दौरान कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है। इस समस्या को देखते हुए अभियंताओं ने सीयूजी सिम जमा कराने और सामूहिक इस्तीफा अधिशाषी अभियंता को सौंप दिया है।
बड़ी बात यह है कि अभियंताओं ने घटना की जानकारी जयपुर डिस्काम के प्रबंध निदेशक, प्रशासन सचिव, संभागीय मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता को भी लिखित में दी है। बहरोड़ खंड के अभियंता शुभेंद्र यादव, चंदन, अविनाश यादव, ब्रजेश मीणा सहित 13 अभियंताओं ने सामूहिक इस्तीफा और सीयूजी मोबाइल सिम अधिशाषी अभियंता को सौंप दी है। उधर, जयपुर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ का कहना है कि बिजली पकड़ने के दौरान जो मारपीट हो रही है उसे तुरंत प्रभाव से रुकवाया जाए। सरकारी काम के दौरान अभियंताओं को सुरक्षा प्रदान की जाए।