आयोग ने पूर्व की सेवा सुधार निर्धारित अवधि को जहां कम किया है, वहीं पैनल्टी (क्षतिपूर्ति राशि) को सेवाओं के हिसाब से दो गुना तक बढ़ा दिया है, यानी डिस्कॉम को पहले के मुकाबले कम समय में अच्छी सेवा देनी होगी, अन्यथा उपभोक्ता हर्जाने का हकदार होगा। वहीं, फॉल्ट, केबल, ट्रांसफार्मर सही करने का समय आधा कर दिया है। पहले यह 6 से 72 घंटे था, जिसे घटाकर 2 से 48 घंटे कर दिया गया है।
1. नो-करंट शिकायत : बड़े शहर में दो घंटे, छोटे शहरों में छह घंटे और ग्रामीण इलाकों में आठ घंटे में किया जाए शिकायत का निवारण।
हर्जाना: सेवादोष होने पर एलटी उपभोक्ताओं को 75 रुपए और एचटी उपभोक्ताओं को 150 के हर्जाने का प्रावधान
हर्जाना: सेवादोष होने पर एलटी उपभोक्ताओं को 75 रुपए और एचटी उपभोक्ताओं को 150 रुपए
हर्जाना: सेवादोष होने पर एलटी उपभोक्ताओं को 75 रुपए और एचटी उपभोक्ताओं को 150 रुपए
हर्जाना: सेवादोष होने पर एलटी उपभोक्ताओं को 75 रुपए और एचटी उपभोक्ताओं को 150 रुपए
हर्जाना: फीडर से जुड़े उपभोक्ताओं को 75 रुपए का मिलेगा हर्जाना। उपकरण जलने का हर्जाना भी दोगुना
हाइवोल्टेज के कारण उपकरण जलने की घटनाओं को भी गंभीर सेवादोष माना है। अब पंखा, मिक्सी जलने पर उपभोक्ता को 500 की बजाय 1000 रुपए हर्जाना मिलेगा। इसी तरह रंगीन टीवी, वाशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर के लिए 2000 व एसी और कम्प्यूटर जलने पर 4000 रुपए हर्जाना। एक फीडर पर पांच अधिक उपभोक्ताओं के यहां क्षति होने पर ही ये सेवादोष माना जाएगा।
राज्य के 1.52 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को निर्धारित समय पर सेवाएं नहीं देना अब बिजली कंपनियों को पड़ेगा भारी,
सामान्य स्थिति में शाम 6 बजे बाद बिजली नहीं रखी जाएगी बंद