हालांकि बोनस की घोषणा करने के साथ ही राज्य सरकार ने साफ किया है कि राज्य के 7 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को बोनस मिलने से राज्य सरकार पर 500 करोड रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेश महामंत्री तेज सिंह राठौड़ का यह कहना है कि सरकार ने पहले कर्मचारियों का वेतन स्थगित किया, फिर वेतन कटौती की गई और अब बोनस की भी पूरी नकद राशि नहीं दी गई है जिससे कर्मचारियों में नाराजगी है। प्रांतीय विद्युत मंडल मजदूर फैडरेशन इंटक के संयुक्त महामंत्री डीडी शर्मा का कहना है कि विद्युत कर्मचारियों को हर साल बोनस की राशि नगद रूप में मिलती रही है, इस बार भी कर्मचारियों को नगद तरीके से बोनस राशि का भुगतान किया जाना चाहिए।