ट्विटर, फेसबुक सहित व्हाट्सएप पर प्रो. डॉक्टर तासुकु होंजो की फोटो के साथ एक मैसेज वायरल हो रहा है कि ‘जापान के नोबल पुरस्कार जीतने वाले और 4 साल तक चीन में काम करने वाले प्रोफेसर तासुकु होंजो का दावा – कोरोना प्राकृतिक नहीं, कृत्रिम वायरस है, जो चीन ने बनाया है। यह सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने सोशल मीडिया पर इस दावे की जांच शुरू की। वायरल मैसेज में लिखा है कि होंजो ने चार साल वुहान की प्रयोगशाला के साथ काम किया। हमने नोबेल पुरस्कार की वेबसाइट एवं क्योटो यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर होंजो की प्रोफाइल देखी। उनमें कहीं भी होंजो का वुहान प्रयोगशाला में काम करने का उल्लेख नहीं है। अंतराष्ट्रीय प्रकाशन जैसे ‘द नेचर’ और ‘द लैन्सेट’ ने एपीडेमीयोलोगिकल स्टडीज प्रकाशित की हैं, जिनमें सार्स-सीओवी-2 के जिनोमिक सीक्वेंस की खोज हुई है। यह पाया गया है कि यह वायरस मानव निर्मित नहीं, प्राकृतिक उत्पत्ति का है। यह झूठा दावा सोशल मीडिया पर हर जगह अलग-अलग भाषाओं में शेयर हो रहा है। हमें यह दावा इंग्लिश व हिंदी में मिला। वायरल मैसेज के दावे के अनुसार, नोबेल पुरस्कार के विजेता तासुकु होंजो ने मीडिया के सामने यह घोषणा की है कि कोरोना वायरस एक प्राकृतिक वायरस नहीं है। यह भी कहा कि यदि यह वायरस प्राकृतिक होता तो सिर्फ कुछ ही जगहों पर फैलता, क्योंकि हर जगह का तापमान अलग होता है, किंतु इसके बावजूद दुनियाभर के करीब सभी देश इसका संक्रमण नहीं रोक पाए। वहीं हमें एक न्यूज मिली, जिसमें होंजो ने कहा कि उनको इस बात का दु:ख है कि उनका एवं यूनिवर्सिटी का नाम ऐसी झूठी खबरें फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। होंजो की ओर से कोविड-19 की उत्पत्ति के विषय में किसी भी बयान का कोई सबूत नहीं मिल पाया है।
वहीं हमें एक न्यूज मिली, जिसमें लिखा है कि सार्स-सीओवी-2 वायरस एक बीटा वायरस है। स्पाइक प्रोटीन में छोटे सीक्वेंस – जिस पर लोग कहते हैं कि एचआईवी से आए हैं, काफी ज्यादा छोटे हैं और कई जीवों में पाए जाते हैं। चमगादड़ वायरस का भंडार मानी जाती हैं। सार्स-सीओवी-2 के सीक्वेंस इशारा करते हैं कि चमगादड़ और पैंगोलिन में पाए जाने वाले कोरोना वायरस सीक्वेंस और कोविड-19 के सीक्वेंस में कुछ समानता है। इससे यह भी मालूम होता है कि वायरस की उत्पत्ति जैनेटिक है, जो बाद में जानवरों से इंसानों में आया है।
राजस्थान पत्रिका की फैक्ट चैक टीम ने इस दावे की जांच की तो पता चला कि प्रोफेसर तासुकु होंजो ने ऐसा कोई दावा नहीं किया कि कोरोना प्राकृतिक नहीं, कृत्रिम वायरस है, जो चीन ने बनाया है। इसे गलत वायरल किया गया है।