गौरतलब है कि एसएमएस अस्पताल में पूर्व में हुई कई घटनाओं ने अस्पताल के रखरखाव की पोल खेाल दी थी। कुछ मामलों में तो छत का प्लास्टर गिरने और फॉल सीलिंग गिरने के तत्काल बाद मरीजों को शिफ्ट भी करना पड़ा था। घटनाओं के बाद चिकित्सा मंत्री ने तत्काल ऐसे हालात को ठीक करने के निर्देश दिए थे। साथ ही सवाई मानसिंह अस्पताल का दौरा भी किया था।
प्रत्याक्षर्दिशयों के अनुसार घटना के समय यदि वहां स्टाफ मौजूद होता तो गंभीर घायल हो सकते थे। कमरे की पूरी की पूरी छत ही नीचे आ गिरी। अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि अस्पताल की सीवरेज लाइन 50-60 साल पुरानी है। जिसमें कई जगह लीकेज है। वहीं बरसात का पानी भी अस्पताल की छत पर भरा है, जिसकी उचित निकासी नहीं हो पा रही है।