scriptगाय को मां कहकर पुकारता था गौभक्त परिवार, मौत के बाद बनार्इ समाधि, भंडारे का भी होगा आयोजन | Family performed Hindu rituals after cow death | Patrika News
जयपुर

गाय को मां कहकर पुकारता था गौभक्त परिवार, मौत के बाद बनार्इ समाधि, भंडारे का भी होगा आयोजन

अजमेर जिले की श्रीनगर पंचायत समिति के गांव कालेड़ी में एक गौ भक्त परिवार ने गाय की मृत्यु के बाद उसकी याद में चबूतरा बनवाया आैर शोक रखा।

जयपुरAug 19, 2017 / 02:51 pm

Abhishek Pareek

Cow Lover Family
जयपुर/अजमेर। हिन्दू संस्कृति में गाय को पवित्र माना जाता है। यही कारण है कि गायों को चारा खिलाने से लेकर उन्हें रोटी देने तक एेसे कितने ही कार्य हैं जिन्हें पुण्य देने वाला बताया गया है। गौ भक्त गाय की सेवा सुश्रुषा के लिए कोर्इ कसर बाकी नहीं रखते हैं। हालांकि आपने कभी भी गाय की मृत्यु के बाद उसे समाधिस्थ करने आैर शोक रखने की बात नहीं सुनी होगी। अजमेर जिले की श्रीनगर पंचायत समिति के गांव कालेड़ी में एक गौ भक्त परिवार ने गाय की मृत्यु के बाद उसकी याद में चबूतरा बनवाया आैर शोक रखा।
ये भी पढ़ेंः- करीब 200 सालों से वीरान है ये गांव, एक श्राप के कारण बना शमशान!

जानकारी के अनुसार कालेडी ग्राम में शिव मन्दिर के पास प्रभुलाल भाट का घर है। प्रभुलाल को शुरू से ही गाय पालने का शौक था। प्रभुलाल अपनी गायों की सेवा के लिए किसी भी प्रकार की कोई कमी नही आने देता था। जब पत्रिका संवाददाता ने उनसे इस बारे मे बात की तो उन्होंने बताया कि पत्नी, पुत्र और अन्य सभी लोग उनकी गाय को माँ कहकर ही पुकारते थे। इस दौरान उसने गायों के लिए घर में टीनशेड लगवाकर एक कमरे का अलग से निर्माण करवाया, जिससे गाय को कोई परेशानी न हो।
अजमेर: सांवरलाल के बाद कौन? सियासी भंवर में पायलट, BJP जाट परिवार पर खेलेगी दांव!

प्रभुलाल ने बताया कि गाय को हरा चारा आैर रजका खिलाया जाता था। उन्होंने बताया कि काफी समय से उनके पास एक गाय थी, जिसकी सेवा भी परिवारजन के लोग बड़ी आत्मीयता के साथ करते थे। बूढी गाय के न तो दांत थे न ही कुछ खा सकती है। इस दौरान भी परिवार के लोगों ने गाय को खुला न छोड़कर खूब सेवा की। इस दौरान गाय की बीमारी के कारण बारह अगस्त को दोपहर एक बजे मौत हो गर्इ। इस दौरान परिवार के लोग बिलख उठे। बूढी गाय के मरने के पश्चात उसे चुनरी आेढार्इ गर्इ आैर घर के बाहर सभी ग्रामीणों के साथ गड्डा खोदकर दफनाया गया। दो दिन बाद एक चबूतरा बनवाकर समाधि स्थल बनाया गया। इस समाधि को देखने के लिए हर रोज काफी संख्या में ग्रामीण एकत्रित होते हैं।
भंडारे का भी होगा आयोजन
इसके साथ ही परिवार के लोगों के साथ प्रभुलाल पूरे रीति-रिवाज के साथ गांव के कुछ ग्रामीणों को लेकर हरिद्वार भी गया जहां पंडितों से पूरे विधि विधान के साथ पूजन करवाया गया। इसी के साथ गांव में 22 अगस्त को भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा। उन्हेांने बताया कि परिवारजनों को बूढी गाय ने स्वस्थ रहते खूब दूध पिलाया। ऐसे में माँ तो माँ ही है जिसकी जितनी सेवा की जाए कम ही है। प्रभुलाल ने बताया कि उसकी पत्नी सुखा देवी परिवारजनों से ज्यादा सेवा करती है, पत्नी के कहने पर ही उसने घर के बाहर समाधि स्थल बनाया। कालेड़ी के साथ ही आसपास के गांवों में भी इस घटना की काफी चर्चा है। लोग इस गौभक्त परिवार की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।

Home / Jaipur / गाय को मां कहकर पुकारता था गौभक्त परिवार, मौत के बाद बनार्इ समाधि, भंडारे का भी होगा आयोजन

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो