-30 जुलाई 2019 को कैलादवी के दुर्गेशी घाटा में रूप सिंह का शिकर।
-12 सितंबर 2019 को करौली के सपोटरा के सिमिर-बाग गांव में युवक पिंटू का शिकार।
वन विभाग की ओर से बाघ टी-104 की कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए एक पांच सदस्यीय ट्रैकिंग टीम व जांच कमेटी भी गठित की गई है। जांच के लिए गठित टीम में रणथम्भौर के वन अधिकारियों के साथ चिकित्सकों व वन्यजीव विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। यह कमेटी अब बाघ के स्वभाव, बार-बार जंगल से बाहर निकलकर आबादी क्षेत्र के नजदीक आने, बाघ के लिए रणथम्भौर में विचरण के लिए उपयुक्त क्षेत्र के साथ-साथ रणथम्भौर में बाघों को रेसक्यु करके रखने के लिए बनाए गए एनक्लोजर, अन्य बाघों से टी-104 के टकराव की आशंका आदि बिंदुओं पर अध्ययन कर दो अलग-अलग रिपोर्ट तैयार कर रहे थे। हालांकि इस दौरान यह एक और हादसा हो गया।
– बाघ का स्वभाव अन्य बाघों की अपेक्षा उग्र माना गया था।
– रणथम्भौर में बाघों के लिए पर्यावास कम होना बताया गया था।
– बाघ के बार-बार मानव के नजदीक आने से बाघ के मानव भय समाप्त होने की आशंका जताई गई थी।
– हर इलाके में ताकतवर नर बाघ की मौजूदगी होने से बाघ के टेरेटरी बना पाने पर संशय जताया गया था।
– बाघ के बार बार आबादी क्षेत्र के नजदीक आना मानव व बाघ दोनों के लिए खतरा बताया गया था।
पूर्व में आई रिपोर्ट में टी-104 के बारे में कुछ जानकारी मिली थी। इसमें प्रथम दृष्टया बाघ का स्वभाव उग्र माना गया था।
– अरिंदम तोमर, पीसीसीएफ, जयपुर