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जयपुर

बेखौफ बाघ हो गया खतरनाक, अब तक ली 3 इंसानों की जान

रणथम्भौर टाइगर अभ्यारण्य (Ranthambore Tiger Reserve) का बाघ टी-104 (Tiger t-104) मानव के लिए खतरनाक (Hazardous to humans) बन चुका है। इसने अब तक तीन लोगों का शिकार (Prey) कर दिया। इसके स्वभाव का अध्ययन (Nature study) किया तो पाया कि इसमें इंसानों का भय (Human fear) समाप्त हो गया है। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जयपुरSep 13, 2019 / 01:43 am

vinod

बेखौफ बाघ हो गया खतरनाक, अब तक ली 3 इंसानों की जान

बेखौफ बाघ हो गया खतरनाक, अब तक ली 3 इंसानों की जान

-अध्ययन रिपोर्ट में खुलासा : टी-104 में मानव भय समाप्त
-इस साल अब तक किया तीन लोगों का शिकार

जयपुर/सवाईमाधोपुर। रणथम्भौर टाइगर अभ्यारण्य (Ranthambore Tiger Reserve) के बाघ टी-104 (Tiger t-104) ने गुरुवार को कैलादेवी अभयारण्य (Kailadevi Sanctuary) क्षेत्र में करौली के सपोटरा के सिमिर-बाग गांव में 26 वर्षीय युवक पिंटू पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। बाघ टी-104 इस वर्ष पहले भी दो लोगों को हमला कर मार चुका है। बाघ टी-104 के फरवरी 2019 में कुण्डेरा के पाडली गांव में महिला का शिकार (Prey) करने पर इसके स्वभाव का अध्ययन (Nature study) किया गया। इस अध्ययन रिपोर्ट (Study report) में यह खुलासा हुआ कि बाघ टी-104 में इंसान का डर (Human fear) खत्म हो गया है इस कारण उसके स्वभाव में उग्रता आ गई है और वह बार-बार जंगल से निकलकर आबादी क्षेत्र में पहुंच जाता है। यह स्थिति मानव और टाइगर दोनों के लिए खतरनाक है।
बाघ टी-104 को लेकर वन विभाग की ओर से गत दिनों जयपुर उच्च अधिकारियों को एक रिपोर्ट भेजी गई थी। यह रिपोर्ट फरवरी 2019 में बाघ टी-104 द्वारा कुण्डेरा के पाडली गांव में शौच के लिए महिला के शिकार के मामले पर आधारित थी। इसमें टी-104 के स्वभाव का अध्ययन करने वाली कमेटी ने बाघ के बारे में कई खास जानकारियां एकत्र कर उच्च अधिकारियों को भेजी थी। इसके बावजूद भी बाघ पर कोई निर्णय नहीं किया गया और बाघ ने गुरुवार को करौली के सपोटरा के सिमिर-बाग गांव में 26 वर्षीय युवक पिंटू पर हमला कर मार दिया।
बाघ टी-104 का आतंक, इस साल तीन शिकार

-02 फरवरी 2019 को कडेरा के पाड़ली गांव में मुन्नी योगी को हमला कर मारा।
-30 जुलाई 2019 को कैलादवी के दुर्गेशी घाटा में रूप सिंह का शिकर।
-12 सितंबर 2019 को करौली के सपोटरा के सिमिर-बाग गांव में युवक पिंटू का शिकार।
अब कर रहे निगरानी
वन विभाग की ओर से बाघ टी-104 की कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए एक पांच सदस्यीय ट्रैकिंग टीम व जांच कमेटी भी गठित की गई है। जांच के लिए गठित टीम में रणथम्भौर के वन अधिकारियों के साथ चिकित्सकों व वन्यजीव विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। यह कमेटी अब बाघ के स्वभाव, बार-बार जंगल से बाहर निकलकर आबादी क्षेत्र के नजदीक आने, बाघ के लिए रणथम्भौर में विचरण के लिए उपयुक्त क्षेत्र के साथ-साथ रणथम्भौर में बाघों को रेसक्यु करके रखने के लिए बनाए गए एनक्लोजर, अन्य बाघों से टी-104 के टकराव की आशंका आदि बिंदुओं पर अध्ययन कर दो अलग-अलग रिपोर्ट तैयार कर रहे थे। हालांकि इस दौरान यह एक और हादसा हो गया।
टी-104 पर वन विभाग की रिपोर्ट के प्रमुख अंश…
– बाघ का स्वभाव अन्य बाघों की अपेक्षा उग्र माना गया था।
– रणथम्भौर में बाघों के लिए पर्यावास कम होना बताया गया था।
– बाघ के बार-बार मानव के नजदीक आने से बाघ के मानव भय समाप्त होने की आशंका जताई गई थी।
– हर इलाके में ताकतवर नर बाघ की मौजूदगी होने से बाघ के टेरेटरी बना पाने पर संशय जताया गया था।
– बाघ के बार बार आबादी क्षेत्र के नजदीक आना मानव व बाघ दोनों के लिए खतरा बताया गया था।
बाघ का स्वभाव उग्र
पूर्व में आई रिपोर्ट में टी-104 के बारे में कुछ जानकारी मिली थी। इसमें प्रथम दृष्टया बाघ का स्वभाव उग्र माना गया था।
– अरिंदम तोमर, पीसीसीएफ, जयपुर

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