ग्रामीणों ने बताया कि दोपहर में एयरफोर्स का फाइटर प्लेन बांसखोह एवं नईनाथ धाम के आस-पास चक्कर लगा रहा था। बाद में वह चारणवास एवं ढोलकी की ढाणी के ऊपर उडऩे लगा। इस दौरान उसने करीब सात-आठ चक्कर लगाए। कई बार प्लेन तिरछा भी हुआ। देर तक एक ही स्थान पर प्लेन के हवा में उडऩे पर ग्रामीणों का
ध्यान उस तरफ ही रहा। स्थिति यह रही कि खेतों में काम करने वाली महिलाओं ने उस तरफ टकटकी लगाई रखी।
जैसे ही प्लेन से चारणवास के जंगल में बारी-बारी से तीन फ्यूल टैंक गिराए तो इनकी आवाज से ग्रामीणों को बम गिराने की आशंका हुई, जिसे लेकर एक बारगी तो ग्रामीणों में दहशत हो गई, लेकिन देर तक बम फटने जैसी कोई घटना नहीं हुई तो ग्रामीण जंगल की तरफ दौड़ गए। मौके पर पहुंचे तो उनको अलग-अलग स्थानों पर तीन टैंक गिरे मिले और कई पेड़ टूटे मिले। एल्यूमिनियम से बने मिसाइलनुमा टैंक देख ग्रामीण भी डरते-डरते पास में पहुंचे। एक टैंक में से फ्यूल निकल रहा था, जिसे कुछ लोग बर्तनों में भर ले गए।
क्षेत्र में रही चर्चा
बम नहीं होने की आशंका दूर होने पर कुछ बच्चे तो इन फ्यूल टैंकों से खेलने लगे। कुछ युवाओं ने इन टैंकों की फोटो सोशल मीडिया में डाली तो क्षेत्र में अफवाह फैल गई कि चारणवास के जंगल में विमान क्रैश हो गया। चारणवास के जंगल में गिरे इन टैंकों को बस्सी एसीपी पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़, थानाधिकारी वीरेन्द्र सिंह व तहसीलदार राजेश मीना ने कब्जे में लेकर बस्सी थाने में पहुंचवाया, लेकिन रात तक इसकी चर्चा लोगों में रही।