मामला कोटा दक्षिण के वार्ड 25 की भाजपा प्रत्याशी अपर्णा सैनी का है, जिसने झूठे शपथ पत्र पेश कर ओबीसी का जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया और रिजर्व वार्ड 25 से नामांकन भर दिया। जैसे ही मामले की जानकारी विपक्षी प्रत्याशी को मिली तो उसने प्रशासन से शिकायत की और आनन-फानन में एसडीएम से लेकर तहसीलदार से इसकी जांच करवाई।
इस पूरे मामले में प्रशासनिक लापरवाही भी सामने आई है। दरअसल, तहसीलदार की जांच में प्रमाण पत्र त्रुटिवश जारी होना पाया गया था, जिसका नोटिस प्रत्याशी के घर पर 19 तारीख को ही चस्पा कर दिया गया था। साथ ही इसकी सूचना पत्र द्वारा रिटर्निंग ऑफिसर को भी दी गई थी, लेकिन प्रशासन के गैर जिम्मेदार रवैये की वजह से 20 अक्टूबर को नामांकन की स्क्रूटनी होने के बावजूद रिटर्निंग अधिकारी ने नामांकन खारिज करने के बजाय स्वीकार कर लिया।
भाजपा प्रत्याशी को फिलहाल के लिए राहत इस बात की है कि उसका नामांकन फिलहाल निर्वाचन अधिकारियों ने खारिज नहीं किया है। दरअसल, नियमों के तहत नामांकन प्रमाण पत्र की कानूनी वैधता जांचना रिटर्निंग अधिकारी के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया गया है। रिटर्निंग अधिकारी सिर्फ प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किया हुआ है या नहीं, यही जांच सकते हैं। इसकी कानूनी वैधता जांचने का अधिकारी कोर्ट का होता है। इसलिए इस नामांकन को फिलहाल निरस्त नहीं माना गया है। कोटा कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने ने भी वार्ड 25 में कोई नामांकन निरस्त नहीं होने की पुष्टि की है।