एक स्थान पर ओवर हैड पैनल पर तीन कैमरे लगेंगे। इसके ठीक एक किलोमीटर दूरी पर दूसरा पैनल लगेगा। दोनों पैनल के बीच वाहन की गति नापी जाएगी। निर्धारित सीमा से अधिक गति रही तो तत्काल चालान जनरेट हो जाएगा। कैमरे स्थानीय थाना पुलिस के निगरानी में रहेंगे। सम्बंधित जिला पुलिस अधीक्षक उसकी मॉनीटरिंग करेंगे।
जयपुर से उदयपुर के बीच कैमरे लगने के बाद इसकी उपयोगिता परखी जाएगी। अच्छे परिणाम सामने आने पर ऐसा ही प्रोजेक्ट जयपुर-दिल्ली हाइवे पर भी लागू किया जाएगा। वर्षों पहले यह प्रोजेक्ट दिल्ली हाइवे पर ही लगाने का विचार किया गया था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी थी। यह कदम सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। प्रदेश में सड़क हादसों में प्रतिवर्ष दस हजार से अधिक मौत हो रही है।
राजमार्ग वाहन गति सीमा
एक्सप्रेस वे कार 120 किलोमीटर प्रतिघंटा
बस 100 किलोमीटर प्रतिघंटा
ट्रक 80 किलोमीटर प्रतिघंटा
4 लेन कार 100 किलोमीटर प्रतिघंटा
बस 90 किलोमीटर प्रतिघंटा
ट्रक 80 किलोमीटर प्रतिघंटा – अत्यधिक गति ही गम्भीर दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है। गति नियमंत्रण करने के लिए यह प्रोजेक्ट लाया जा रहा है। परिवहन विभाग ने इसके लिए बजट का प्रावधान किया है।
पीके सिंह, एडीजी यातायात