जयपुर। जल संचयन को लेकर हम सतर्क नहीं हुए तो देश के 21 शहरों को अगले साल 2020 से भयंकर भूजल संकट से गुजरना होगा। इन शहरों में से कई शून्य भूजल स्तर को छूलेंगे। इसका सीधा असर देश के करीब 10 करोड़ लोगों पर होगा। इनमें से 6 करोड़ को पानी की एक -एक बूंद के लिए संघर्षं करना पड़ेगा। नीति आयोग ने इसका खुलासा ‘कंपोजिट वाटर मैनेजमेंट इंडेक्स’ नाम की रिपोर्ट में किया है।
READ MORE : RPSC स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा को लेकर आई बड़ी खबरकंपोजिट वाटर मैनेजमेंट इंडेक्स रिपोर्ट की मुख्य बातें – -दुनिया के 122 देशों के ग्लोबल वाटर क्वालिटी इंडेक्स में भारत 120 वें स्थान पर -रिपोर्ट के अनुसार 70 फीसदी पानी प्रदूषित है -देश के 75 % घरों में पीने के साफ पानी की आपूर्ति नहीं होती है – 84 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में पाइप से जल आपूर्ति की सुविधा नहीं है -2030 तक पानी की मांग दोगुनी होने से जल संकट बढ़ेगा -60 % राज्यों में पानी की स्थिति खराब -10 करोड़ लोग जल संकट का सामना करेंगे – 2 लाख लोगों की मौत हर साल गंदा पानी पीने से होती है -70 % पानी कीआपूर्ति देशभर में प्रदूषित है -60%राज्यों में पानी स्थिति खराब -52 % देश का कृ षि क्षेत्र वर्षा जल पर निर्भर -40 %भूजल आपूर्ति में कमी दर्ज की गई है
READ MORE : रोडवेज के आगे कार लगा कर सवारियों से मारपीट, बस पर किया पथराव नीति आयोग की ‘कंपोजिट वाटर मैनेजमेंट इंडेक्स रिपोर्ट में राजस्थान के 5 और मध्यप्रदेश का एक शहर समेत दिल्ली,हैदराबाद,बेंगलूरु जैसे शहर शामिल हैं। रिपोर्ट में जल संकट को 2050 तक जीडीपी में 6 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
लगातार भूजल दोहन से जयपुर अतिदोहित क्षेत्र में शामिल है। यहां से 13 में से 12 ब्लॉक अतिदोहित नोटिफाइड हैं और 1 क्रिटिकल स्थिति में है। इसके बावजूद जयपुर शहर में ही करीब 2 हजार अवैध ट्यूबवेलों से पानी खींचकर चांदी कूटने का खेल चल रहा है। जबकि ,पिछले एक साल में औसतन 1 मीटर से ज्यादा भूजल स्तर गिर चुका है।
READ MORE : एक गोत्र की वजह से नहीं हो रहा था रिश्ता, तो फंदे से झूलकर प्रेमी युगल ने किया सुसाइड इस चिंताजनक स्थिति के बावजूद न तो जिला प्रशासन सख्त एक्शन ले पाया है और नही भूजल विभाग ने प्रभावी तरीके से कामशुरूकिया। उलटे, पानी टैंकर संचालन, आरओ प्लांट, होटल-रिसोर्ट से लेकर कईऔद्योगिक भवन परिसर में हर दिन 13 करोड़ लीटर (अनुमानित) पानी का उपयोग हो रहा है। यह पानी अवैध तरीके से जमीन में से खींचा जा रहा है।