कुल 3.14 लाख बकाया रहे। इसमें पेनल्टी भी शामिल है। इस प्रॉपर्टी का संचालन पूर्व कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी के बेटे मनीष सैनी कर रहे हैं। जबकि, मालिकाना हक मनीष सैनी के ससुराल पक्ष का है। बकाया वसूलने और कनेक्शन काटने के लिए अफसर पिछले दो साल से प्रयास कर रहे थे, लेकिन सफलता नहीं मिली। हालांकि, होटल की देखरेख कर रहे प्रदीप सिंह ने इस प्रक्रिया मेंं कई बड़ी खामियां होने का तर्क दिया है।
यहां भी काटे कनेक्शन: विभाग ने वीकेआइ में ग्लोब इंडस्ट्रीज के 1.20 लाख, कृष्णा इंडस्ट्रीज के एक लाख, जयदीप इंडस्ट्रीज के 54 हजार, बनीपार्क स्थित महल खंडेला होटल के 2.46 लाख, लालकोठी क्षेत्र में डी-63 बद्रीनारायण के 1.72 लाख रुपए बकाया होने पर कनेक्शन काटे। वहीं, सीकर रोड स्थित खंडेलवाल ढाबा से 28 हजार रुपए की वसूली की गई। विभाग ने बकायादारों से अब तक 90 लाख की वसूल किए हैं। पीडीआर एक्ट के तहत कुर्की की कार्रवाई शुरू होगी।
सीधा संबंध नहीं :
प्रॉपर्टी उनके बेटे की सास के नाम है, बेटा होटल संचालन कर रहा है। इसलिए उनका इससे मामले से कोई सीधा संबंध है ही नहीं। जो कनेक्शन पहले काटा गया, उसी राशि को भी बिल में जोड़ते रहे। नाम हस्तांतरण के लिए कई बार कहा गया, लेकिन नहीं किया गया।
प्रभुलाल सैनी, पूर्व कृषि मंत्री
कोई टारगेट नहीं:
किसी को भी टारगेट नहीं किया जा रहा है, बल्कि 50 हजार रुपए से ज्यादा बकायदारों से वसूली प्रक्रिया पारदर्शिता से चल रही है। पूरे शहर में इस तरह की कार्रवाई चल रही है।
देवराज सोलंकी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जलदाय विभाग
जिससे प्रॉपर्टी खरीदी, अब भी उसी के नाम बिल:
इस प्रॉपर्टी पर पेयजल के दो कनेक्शन हैं। एक छोटूलाल यादव और दूसरा मनोहरलाल यादव के नाम है। पहले यह प्रॉपर्टी इन्हीं के नाम थी, लेकिन नाम हस्तांतरण नहीं हुआ इसलिए अब भी इन्हीं के नाम बिल जारी किया जाता रहा। पहला कनेक्शन छोटूलाल यादव के नाम था, जिस पर 1.82 लाख रुपए बकाया थे। दूसरा कनेक्शन मनोहरलाल यादव के नाम है, जिसके पेटे 1.32 लाख रुपए बकाया रहे।