कृषि कार्य के लिए दिन में ही बिजली सप्लाई करते हैं तो जनरेटर पर लोड आ जाएगा, जिससे बंद होने की नौबत आ सकती है।
लगातार ट्रिपिंग होने की दिक्कत।
दिन में ही सप्लाई हुई तो रात में जनरेटर बंद करना पड़ेगा, जो संभव नहीं है।
फिर भी जहां संभव होगा, वहां किसानों को दिन में विद्युत सप्लाई दी जाएगी।
भाजपा सरकार में 2 लाख कृषि कनेक्शन के डिमांड नोटिस जारी किए गए। इनमें से 1.65 लाख ने जमा कराए, जिसमें से 85 हजार ने निर्धारित प्रक्रिया पूरी कर ली। इसके बाद भी अन्य आवेदन आए। इस तरह से अब 95 हजार कृषि कनेक्शन अब भी लंबित है।
ग्रामीण क्षेत्रों मेें घरेलू कनेक्शन लंबित हैं। इनमें जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम में करीब 60 हजार कनेक्शन लंबित हैं। जयपुर डिस्कॉम में भी कुछ आंकड़ा शाामिल है।
अल्टीमेटम : 31 मार्च तक
राजधानी जयपुर समेत प्रदेश के कई जिलों मेंं चल रही पेयजल किल्लत पर सीएम ने चिंता जताई। उन्होंने जलदाय विभाग के अफसरों को साफ कह दिया कि किसी भी स्तर पर लोगों को पेयजल किल्लत से जूझना नहीं पड़े। इसके लिए जो भी वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं, वे गर्मी शुरू होने से पहले पूरे कर लिए जाएं। इस बीच विभागीय अफसरों ने ट्यूबवेल व अन्य संसाधनों के जरिए पेयजल सप्लाई करने और नए ट्यूबवैल खुदाई प्रोजेक्ट के बारे में बताया। गहलोत ने हर काम निर्धारित मियाद में पूरा करने के लिए कहा।