वायरल वीडियो पर जहां सुबह से प्रदेश के वरिष्ठ नेता बयानों से सरकार पर ‘हल्लाबोल’ रहे थे, तो वहीं शाम को बयानबाजी का मोर्चा केंद्रीय मंत्रियों ने संभाल लिया। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी बयानबाजी में पीछे नहीं रहे। दोनों नेताओं ने विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त मामले पर सरकार और मुख्यमंत्री को चौतरफा घेरने की कोशिश की।
भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री व जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री पर बड़ा बयानी वार किया। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों और जनमत से खिलवाड़ कर रही है यह किसी से छिपा नहीं है। पर अब पार्टी के ही वरिष्ठ विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय की आम जनता के सामने स्वीकारोक्ति से साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
शेखावत ने कहा राज्य सरकार द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त़ कर विधानसभा में हासिल किया गया विश्वासमत वास्तव में जनता से किया गया छल था, इसी प्रकार राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत भी संदेहास्पद है।
केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि जहां मुख्यमंत्री ने एक तरफ बाड़ेबंदी की कहानी चलाई, तो वहीं दूसरी तरफ खरीद फरोख्त का चक्रव्यूह भी रचा। उन्होंने जनता को गुमराह करके अपने छल से ध्यान हटाने के लिए भाजपा पर लगातार प्रहार किए। लेकिन अब खुद ही इस षड्यंत्र के सारे रहस्य बाहर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही है।
केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी इस मुद्दे पर सरकार और मुख्यमंत्री पर बयानी हमला किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के विधायक महेंद्रजीत मालवीय जी ने स्वतः ही सिद्ध कर दिया कि राजस्थान में प्रदेशवासियों को गुमराह व झूठे वादे करके सत्ता में आई है। इस कांग्रेस सरकार ने ख़रीद फ़रोख़्त से लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान करके फिर एक बार जनता के विश्वास से खिलवाड़ किया है।