हालांकि इस मुद्दे पर भाजपा भले ही सड़कों पर उतरकर बेरोज़गार कोविड स्वास्थ्य सहायकों का साथ नहीं दे रही हो, लेकिन पार्टी नेता समय-समय पर इनकी मांगों का समर्थन करते हुए सरकार को निशाने पर ले रहे हैं।
गहलोत जी, आपकी वजह से जोखिम में जान : शेखावत
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया है। शेखावत ने आज एक ट्वीट प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा, ’52 दिन गहलोत जी…52 दिन। कोविड स्वास्थ्य सहायक इस चिलचिलाती धूप और गर्मी में इतने दिनों से हक मांग रहे हैं। पहले कोविड की वजह से सबकी जान जोखिम में थी, लेकिन कर्तव्य पथ पर ये डटे रहे, आज आपकी वजह से इनकी जान जोखिम में है और ये डटे हुए हैं।’
धरने में अपने बच्चों के साथ शामिल हो रही महिलाओं की तस्वीर साझा करते हुए शेखावत ने कहा, ‘मैं धरने पर अपने शिशु के साथ बैठी मेरी इस बहन के साहस को सलाम करते हुए जज्बे से भरे इस आंदोलन को राज्य सरकार के विरुद्ध सत्याग्रह मानता हूं।’
अब होगा मंत्री-विधायक आवास घेराव
सीएचए संघर्ष समिति के बैनर तले बेरोज़गार हुए कोविड स्वास्थ्य सहायकों का आंदोलन जारी है। धरने-प्रदर्शन के ज़रिये शांतिपूर्वक आंदोलन के बाद भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक रुख नहीं दे खा जा रहा है। ऐसे में इसी आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए अब प्रथम चरण में 4 दिन तक प्रत्येक मंत्री-विधायक के घर जाकर के बाहर जाकर प्रदर्शन किया जाएगा। आगामी रणनीति के तहत सरकार के सभी कार्यक्रमों के दौरान सीएचए अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए प्रदर्शन करेंगे।
नेता करते हैं बड़ी-बड़ी बातें, समाधान नहीं
सीएचए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सभी राजनीतिक दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि सभी दलों के नेता प्रदर्शन स्थल पर आकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन सरकार के सामने हमारी मांगों को पुरजोर तरीके से नहीं रखते हैं, जिसके चलते सीएचए अपनी मांगों को मनवाने के लिए भरी गर्मी के बीच धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं।