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जयपुर

Ganesh Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी पर ये रहेंगे शुभ संयोग, जानिए पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर शुक्रवार को गणेश जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसबार मध्यान्ह काल में वृश्चिक लग्न में घर—घर गणेश पूजन होगा। मुख्य द्वार के ऊपर प्रतिष्ठित गणेशजी महाराज का अभिषेक कर सिंदूरी चोला धारण कराकर गुड़धानी का भोग लगाया जाएगा।

जयपुरSep 09, 2021 / 02:26 pm

santosh

Ganesh Chaturthi 2020: गणेश चतुर्थी को इस काम से कर लें तौबा, देखें वीडियो

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जयपुर। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर शुक्रवार को गणेश जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इसबार मध्यान्ह काल में वृश्चिक लग्न में घर—घर गणेश पूजन होगा। मुख्य द्वार के ऊपर प्रतिष्ठित गणेशजी महाराज का अभिषेक कर सिंदूरी चोला धारण कराकर गुड़धानी का भोग लगाया जाएगा। गणेश जन्मोत्सव से पहले गुरूवार को सिंजारा महोत्सव मनाया जाएगा, गणेशजी महाराज को सिंजारे की मेहंदी अर्पित की जाएगी। वहीं गणेश चतुर्थी को लेकर शहर में तैयारियां शुरू हो चुकी है। मोती डूंगरी गणेशजी सहित अन्य मंदिरों में जन्मोत्सव के कार्यक्रम शुरू हो गए है।

मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर में गुरुवार को मेहंदी पूजन और सिंजारा महोत्सव मनाया जाएगा। गणशेजी महाराज का शाम 7 बजे विशेष शृंगार होगा। मंदिर महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में गणेशजी महाराज को सिंजारे की मेहंदी धारण होगी। गजानन महाराज को स्वर्ण मुकुट धारण करेंगे। वहीं विशेष पोशाक में चांदी के सिंहासन पर विराजमान होंगे। गणेशजी महाराज को महंत परिवार की ओर से पारंपरिक शृंगार धारण करवाया जाएगा। इसमें नौलड़ी का नोलखा हार सा भाव दर्शाया जाएगा। सिंजारा पूजन में गणेशजी महाराज को मेहंदी धारण की जाएगी। हालांकि मंदिर दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा, मेहंदी प्रसाद 12 व 13 सितंबर को मंदिर में बांटा जाएगा। भक्त ऑनलाइन ही दर्शन कर सकेंगे।

ब्रह्मपुरी स्थित नहर के गणेशजी मंदिर में बुधवार को विशेष श्रृंगार के साथ गणेश जी महाराज के दर्शन खुले। मंदिर में गुरुवार से तीन दिवसीय गणेश जन्मोत्सव के आयोजन शुरू होंगे। वहीं गणेश चतुर्थी पर 10 सितंबर को मंदिर में भक्तों का प्रवेश निषेध रहेगा। मंदिर महंत जय शर्मा ने बताया कि गणेशजी महाराज को चोला चढा कर महंत परिवार की ओर से शृंगार किया गया। तीन दिवसीय गणेश जन्मोत्सव के पहले दिन सिंजारा महोत्सव मनाया जाएगा। गणेशजी महाराज को मोठडा लहरिया की पोशाक धारण करवाई जाएगी। इस दिन शाम को मोदकों की झांकी के दर्शन होंगे। गणेश चतुर्थी पर 10 सितंबर को सुबह मंगला आरती होगी। इसके बाद गणेशजी महाराज को दुर्वा अंकुर समर्पण होगा, अभिजित काल में गणपति का अभिषेक व जन्मोत्सव का पूजन अर्चन होगा। विशेष भोग लगाया जाएगा, शाम को महाआरती होगी। इस दिन गणेशजी को राजशाही पोशाक और रजत मुकुट धारण करवाया जाएगा। वहीं 11 सितंबर को ऋषि पंचमी पर अभिजित काल में सप्तऋषियों का पूजन—अर्चन होगा।

गणेश चतुर्थी पर ये रहेंगे शुभ संयोग
ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि गणेशजी महाराज का जन्म वृश्चिक लग्न सहित मध्यान्ह काल में हुआ है, इस बार गणेश चतुर्थी पर मध्यान्ह काल में वृश्चिक लग्न रहेगा। चित्रा नक्षत्र और ब्रह्म योग के अलावा रवि योग भी रहेगा।

गणेश चतुर्थी पर गणेश पूजन के श्रेष्ठ चौघड़िए

चौघड़िए — समय
चर — सुबह 6.34 से 7.46 बजे तक
लाभ व अमृत — सुबह 7.46 से 10.51 तक
शुभ — दोपहर 12.24 से 1.56 बजे तक
चर — शाम 5.02 से 6.34 बजे तक

इस बार तीन ग्रह रहेंगे स्वराशि में
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि गणेश चतुर्थी पर इस बार तीन ग्रह अपनी स्वराशि में रहेंगे। सूर्य ग्रह सिंह राशि में रहेगा, वहीं शुक्र अपनी स्वराशि तुला में और शनि अपनी स्वराशि मकर में रहेंगे। वहीं बुध ग्रह उच्च राशि कन्या में रहेगा। चार ग्रहों का संयोग इस बार गणेश पूजन का श्रेष्ठता दर्शा रहा है, इस दिन खरीददारी शुभ फलदायक रहेगी। नवीन कार्य, व्यापार प्रारंभ, वाहन खरीदना लाभदायक रहेगा।

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