महेन्द्रगढ़ जिला के गांव खैरोली निवासी विक्रम उर्फ पपला गुर्जर ने 21 अगस्त 2015 की रात अपने ही गांव की महिला बिमला (65) को उसके घर में घुसकर गोलियों से छलनी कर दिया था। जिसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। महिला की हत्या का आरोप पपला पर लगा था। महेन्द्रगढ़ थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया था। लेकिन 5 सितम्बर 2017 को महेन्द्रगढ़ कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान पपला के साथी उसे अंधाधुंध फायरिंग करके छुड़ा ले गए थे।
इस गोलीबारी में एक पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। पीडि़त पक्ष के अधिवक्ता अजय चौधरी ने बताया कि पपला को एफ.एस.एल., बिमला की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मौके पर मौजूद बिमला के देवर दुडऱाम की गवाही के आधार पर दोषी ठहराया गया है। एफ.एस.एल. रिपोर्ट में बिमला को 23 गोलियां मारने के साथ ही दो हथियार इस्तेमाल होने की बात सामने आई थी।
विक्रम उर्फ पपला गुर्जर पर राजस्थान में भी अनेक मामले दर्ज हैं। हरियाणा के इस गैंगस्टर को 6 सितम्बर 2019 को चेकिंग के दौरान राजस्थान की बहरोड पुलिस ने मोटी रकम के साथ हिरासत में लिया था। उस समय बहरोड पुलिस उसे सामान्य बदमाश समझकर बहरोड थाने के लॉकअप में रखा था।
अगले दिन सुबह ही पपला के साथियों ने ए.के. 47 से थाने में हमला कर उसे पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया था। राजस्थान पुलिस की स्पेशल सेल ने 28 जनवरी को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से उसे एक महिला के साथ उसे गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद पपला अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था। मंगलवार को उसे नारनौल जेल भेज दिया गया है।