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जयपुर

Gehlot सरकार ने Lock Down के बीच किसानों के हित में लिए तीन बड़े फैसले, जाने क्या मिली राहतें

Gehlot government decisions for farmers amidst lock down: सरकार ने किसानों के हित में लिए तीन बड़े फैसले, जाने क्या मिली राहतें

जयपुरApr 10, 2020 / 10:48 am

Nakul Devarshi

Ashok Gehlot CM

मुख्यमंत्री Ashok Gehlot की अपील: दो व्यक्तियों को भोजन कराए

जयपुर।

राजस्थान की अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) सरकार ने कोरोना वायरस ( Corona virus ) संक्रमण के रोकथाम के लिए चल रहे लॉकडाउन ( Lock Down ) के बीच किसान हित में तीन बड़े निर्णय लिए हैं। कृषि एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेशपाल गंगवार ने बताया कि कृषि जिन्सों के विक्रय के लिए राज्य के लगभग 460 क्रय-विक्रय एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियों के साथ ही तिलम संघ को समुचित शिथिलताएं प्रदान कर निजी गौण मण्डी घोषित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार के इस फैसले से काश्तकारों को वैकल्पिक प्लेटफार्म उपलब्ध होगा और कृषि जिन्सों की खरीद सुनिश्चित हो सकेगी। किसान अपनी कृषि उपज बेचने के लिए अपने खेत और गांव के नजदीक ही सहकारी समितियों पर ला सकेंगे और कृषि उपज मण्डियों के अनुरूप ही अपनी कृषि जिन्सों का खुली निलामी से विक्रय कर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य प्राप्त कर सकेंगे।
मण्डी समितियों में आवेदन करने से छूट दी

गंगवार ने बताया कि राज्य सरकार ने कृषि संस्करण इकाईयों को किसानों से सीधी खरीद के लिए अनुज्ञापत्र के लिए कृषि उपज मण्डी समितियों में आवेदन करने से छूट दी है। वर्तमान में राज्य की कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को किसानों से सीधी खरीद के लिए संबंधित कृषि उपज मण्डी समितियों में आवेदन कर सीधी खरीद का अनुज्ञापत्र लिये जाने का प्रावधान था।
राज्य सरकार की ओर से लिए गए निर्णय अनुसार अब कृषि प्रसंस्करण इकाईयों यथा दाल मिल, तेल मिल, आटा मिल, चावल मिल आदि को मण्डी समितियों में आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी। मण्डी समितियां इन प्रसंस्करण इकाईयों को स्वतः ही सीधी खरीद का अनुज्ञापत्र जारी करेगी।
प्रतिभूति आवदेन के लिए दी छूट

कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को अब तक आवेदन के साथ उनके द्वारा घोषित एक दिन की खरीद के समतुल्य प्रतिभूति जमा करानी होती है, इस प्रावधान में भी छूट दी जाकर अब यह प्रतिभूति 30 जून 2020 तक जमा कराई जा सकती है। इससे राज्य में लगभग 500 कृषि प्रसंस्करण इकाईयों को अनुज्ञापत्र मिल सकेंगे। इस निर्णय से किसानों को अपने खेत के समीप ही कृषि उपज के विक्रय केन्द्र उपलब्ध हो सकेंगे और प्रसंस्करण उद्योगों को कच्चा माल सहज उपलब्ध हो सकेगा।
500 करोड़ हस्तानान्तरित करने की स्वीकृति

प्रमुख शासन सचिव गंगवार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में राज्यांश प्रीमियम जमा कराने के लिए 500 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि कृषक कल्याण कोष से हस्तानान्तरित करने की स्वीकृति प्रदान की है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों की परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अगले एक माह में 700 करोड़ रूपये के प्रीमियम का भुगतान करने का निर्णय लिया था जिससे खरीफ 2019 तक के पूर्ण राज्यांश प्रीमियम का भुगतान हो सके और किसानों को लम्बित क्लेम का भुगतान हो सके। पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार प्रीमियम के रूप में 2034 करोड़ रूपये का भुगतान कर चुकी है। इस क्रम में 500 करोड रूपये की अतिरिक्त राशि कृषक कल्याण कोष से हस्तानान्तरित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

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