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जयपुर

घनश्याम तिवाड़ी ने भाजपा से इस्तीफा की घोषणा के बाद हनुमान बेनीवाल को लेकर कही ये बड़ी बात

पार्टी से अलग-थलग चल रहे भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने सोमवार को आखिरकार विधानसभा चुनाव से एेन पहले पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा कर ही दी।

जयपुरJun 25, 2018 / 02:44 pm

Kamlesh Sharma

Ghanshyam Tiwari hanuman beniwal
जयपुर। पार्टी से अलग-थलग चल रहे भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने सोमवार को आखिरकार विधानसभा चुनाव से एेन पहले पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा कर ही दी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से लगातार अनबन के चलते तिवाड़ी ने पार्टी छोडऩे की घोषणा कर दी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तिवाड़ी ने शाह को भेजे पत्र को पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस के आपातकाल का विरोध किया था। अब 72 साल की उम्र में भाजपा के अघोषित आपातकाल के विरोध में संघर्ष का बीड़ा उठाया है।
बेनिवाल हमारे परिवार के सदस्य
इस दौरान तिवाड़ी ने राजस्थान में तीसरे मोर्चा के गठन के लिए संघर्षरत निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल के साथ के सवाल पर कहा कि वे हमारे परिवार के सदस्य हैं। उनसे रोज बात होती है। वे भी राजस्थान में लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं और हम भी लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
संपर्क में भाजपा के 15 एमएलए
घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि उनके संपर्क में भाजपा के 15 विधायक हैं। उन्होंने कहा कि अभी उनको भारत वाहिनी पार्टी ने टिकिट को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया है। अंतिम निर्णय पार्टी की कार्यकारिणी करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के अच्छे लोगों का नवगठित पार्टी में बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के स्वागत है।

राजस्थान का कदम-कदम पर हुआ अपमान
तिवाड़ी ने अमित शाह को लिखे पत्र में कहा है कि केन्द्र और राज्य में एेतिहासिक बहुमत देने के बाद भी राजस्थान ठगा सा महसूस कर रहा है। राजस्थान सरकार ने केन्द्र के कुछ नेताओं से मिलीभगत कर राजस्थान को चारागाह समझ करर लूटा है।
जनता की जेब कतरना और राज्य की सम्पदा पर डाका डाला। कुछ मंत्रियों और अफसरों का यही काम रह गया थाा। दो हजार करोड़ से ज्यादा कीमत के बंगले पर मुख्यमंत्री ने कब्जा कर लिया है। जो समाचार पत्र जनता के हितों के लिए काम कर रहे हैं, उन पर सरेआम आर्थिक और राजनीतिक दमन का तंत्र चलाया गया। एेसा लगता है कि राजस्थान के भ्रष्टाचार के साथ दिल्ली के नेताओं का भी समझौता हुआ है और अब सब ने वसुंधरा राजे के आगे घुटने टेक दिए हैं।
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