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जयपुर

जोधपुर में 36 साल बाद फिर पहुंचा गोडावण का अण्डा

वन्यजीव गणना में मात्र 19 गोडावण ही नजर आए

जयपुरJul 04, 2020 / 06:34 pm

vinod sharma

जोधपुर में 36 साल बाद फिर पहुंचा गोडावण का अण्डा

जोधपुर में 36 साल बाद फिर पहुंचा गोडावण का अण्डा

जोधपुर. राज्य पक्षी ग्रेट इंडियन बस्टर्ड गोडावण को जोधपुरवासी भले ही प्रत्यक्ष कभी ना देख पाए हो, लेकिन जल्द ही अब उसके अंडे का वे दीदार कर सकेंगे। देश में राज्यपक्षी गोडावण अब लुप्त होने के कगार पर है। राज्यपक्षी गोडावण की संख्या को बढ़ाने के लिए 36 साल पहले जोधपुर जंतुआलय के तत्कालीन अधीक्षक वाइडी सिंह ने जंतुआलय के एकमात्र नर गोडावण का जोड़ा बनाने के लिए देश भर में तलाश शुरू की।
अनफर्टिलाइज गोडावण का अंडा जोधपुर के माचिया जैविक उधान भेजा….
वर्ष 1984 में मैसूर जू से एनिमल एक्सचेंज योजना के तहत मादा गोडावण मिल गया। गोडावण जोड़े को 11 अगस्त 1985 में साथ रखकर कैप्चर ब्रीडिंग के प्रयास शुरू किए जिसमें 24 अप्रैल 1986 में सफलता मिली, लेकिन अंडे से चूजा नहीं निकल पाया। इस प्रयोग के बाद ही केंद्र व राज्य सरकार की ओर से देश के प्रतिष्ठित वन्य जीव संस्थान देहरादून के साथ मिलकर विश्व का पहला गोडावण कृत्रिम हैचिंग सेंटर सम जैसलमेर में स्थापित किया गया जहां परिणाम के रूप में अब तक 8 चूजे अंडे से निकलकर नन्हें गोडावण बन गए हैं। अब उसी हैचिंग सेन्टर से एक अनफर्टिलाइज गोडावण का अंडा जोधपुर के माचिया जैविक उधान भेजा गया है, जिससे लोगों में गोडावण संरक्षण की भावना विकसित हो सके।
चार दशक में दस प्रतिशत ही बचे….
करीब चार दशक पूर्व थार के विभिन्न क्षेत्र में गोडावण की संख्या करीब 1400 थी, जो वर्तमान में घटकर दस प्रतिशत से भी कम रह गई है। हाल ही में की गई ग्रीष्मकालीन वन्यजीव गणना में भी मात्र 19 गोडावण ही नजर आए थे।
दर्शकों के लिए रखेंगे….
गोडावण संवद्र्धन एवं प्रजनन केन्द्र जैसलमेर से एक अनफर्टिलाइज अंडा जोधपुर भेजा गया है। सीजेडए अनुमति के बाद माचिया जैविक उद्यान के दर्शकों के लिए रखा जाएगा।
—महेश चौधरी, उपवन संरक्षक जोधपुर
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