कस्टम विभाग का कहना है कि तस्कर नए-नए तरीके अपना रहे हैं। पिछले दो सालों में ज्यादातर मामलों में जूतों के सोल, रेक्टम, फॉइल पेपर के रूप में, एल्यूमिनियम की रॉड में, अटैची के हैंडल में, कोट के बटन, हैडफोन, हेयर ड्रायर आदि में सोना छिपाकर लाया गया है। सांगानेर एयरपोर्ट पर सोमवार को ही सोने की फाइल लाए एक व्यक्ति को पकड़ा है। फाइल से 280 ग्राम सोना निकला है।
सूत्रों के अनुसार इसके पीछे बड़े कारोबारियों का गिरोह काम कर रहा है, जो खाड़ी देशो में काम कर रहे लोगों से और यहां से युवाओं को भेजकर सोना मंगवा रहे हैं। दरअसल एक किलो सोने पर से कस्टम ड्यूटी हटा दी जाए, तो उस पर तस्करों को तीन लाख रुपए से ज्यादा का फायदा मिलता है। एक करोड़ तक के सोने पर 10 लाख का फायदा होता है। ऐसे में बड़े कारोबारी यहां से युवाओं को खाड़ी व अन्य देशों में भेजते हैं। उन्हें फ्लाइट का टिकट दिलाते हैं और कुछ पैसे देते हैं। टिकट एक से डेढ़ माह पूर्व कराते हैं तो 5 से सात हजार ही खर्च आता है और कमाई पूरी होती है।
भारत में सोने में कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी है, जिसके चलते सोने की तस्करी लगातार बढ़ रही है। ज्यादातर तस्करी मस्कट, बैंकॉक और दुबई देशों से हो रही है।
भारत में लाए सोने का विदेशी छाप-चिह्न हटाने के लिए उसे पिघलाया जा रहा है और स्वरूप बिगाड़ा जा रहा है। राजस्व खुफिया निदेशालय ने विश्व स्वर्ण परिषद को इस मामले में वैश्विक स्तर पर जांच करने के लिए कहा है ताकि वे देश में अवैध उद्देश्यों के लिए बनाई गई इन पिघलाने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करें।
गौरतलब है कि जयपुर एयरपोर्ट अंतराष्ट्रीय सोना तस्करों की निगाह में है। माना जा रहा है कि पंजाब, गुजरात, मध्यप्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित उत्तर भारत में गोल्ड स्मगलिंग के लिए इंटरनेशल स्मगलर्स जयपुर एयरपोर्ट को जरिया बना रहे हैं।