निजी कॉलेजों में फीस अधिक होने से विद्यार्थियों का उस ओर रुझान कम है। इन जगहों पर सरकारी कॉलेज खोलने के लिए विद्यार्थी, अभिभावक और जनप्रतिनिधि लंबे समय से मांग भी कर रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार ने 28 उपखण्ड मुख्यालयों पर कॉलेज इस सत्र से खोले भी हैं, उसके बाद भी 86 उपखण्ड मुख्यालयों पर सरकारी कॉलेज की सुविधा नहीं है। कॉलेज आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया कि वर्तमान में ऐसे उपखण्ड मुख्यालय जिनमें राजकीय महाविद्यालय नहीं हैं उनका परीक्षण कराया जा रहा है। वहां संभावनाएं तलाशी जा रही है। नई नीति लाकर चरणबदृध तरीके से महाविद्यालय खोले जाएंगे।
ये है स्थिति अजमेर के 4, अलवर के 6, बांसवाड़ा के 5, बांरा का 1, बाड़मेर के 3, भरतपुर के 3, भीलवाड़ा के 7, बीकानेर का 1, बूंदी 4, चित्तौड़गढ़ के 5, दौसा के 2, धौलपुर का 1, डूंगरपुर के 4, गंगानगर के 3, हनुमानगढ़ के 3, जयपुर के 2, जैसजमेर के 2, जालोर के 3, झालावाड़ के 3, झुन्झूनु के 4, कोटा का 1, नागौर के 4, पाली के 2, प्रतापगढ़ का 1, सवाई माधोपुर के 4, सीकर के 5 और उदयपुर के 3 उपखण्ड मुख्यालयों पर राजकीय महाविद्यालय नहीं हैं।