उन्होंने टिड्डियों के आक्रमण से त्रस्त किसानों को 31 मई तक पिछला पूर्ण बिल जमा नहीं कराने पर 2 प्रतिशत पेनल्टी व कृषि कनेक्शन काटने के आदेश को भी किसान विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि आमजन को सस्ती और अच्छी बिजली उपलब्ध कराने का वादा करने वाली इस किसान विरोधी राज्य सरकार ने हमारी पिछली भाजपा सरकार की उस योजना को भी जनवरी 2020 से बंद कर दिया, जिसमें 10 हॉर्सपावर विद्युत कनेक्शन वाले किसानो को मुफ़्त बिजली दी जा रही थी।
राठौड ने कहा है कि फरवरी माह में राज्य सरकार ने आम उपभोक्ता व उद्योगों की विद्युत दर 11 से 15 प्रतिशत तक बढ़ाई थी, जिसके तहत उद्योगों में फिक्स चार्ज 185 रुपए प्रति केवीए से बढ़ाकर 270 रुपए किया गया था। यह राशि 56 दिनों से बंद उद्योगों से वसूलना उन पर करारा प्रहार ही है। राठौड़ ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज में देश के डिस्काॅम को 90 हजार करोड़ रुपए की सहायता की घोषणा की गई है। इससे निश्चित तौर पर प्रदेश के डिस्काॅम को भी वित्तीय सहायता मिलेगी। ऐसे में राज्य सरकार को बदली हुई परिस्थितियों में 3 माह का बिजली बिल पूर्णतया माफ करना चाहिए।