गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने 7 अक्टूबर के अंक में ‘संकट में सांसें’ शीर्षक से विस्तृत खबर प्रकाशित कर इस ओर ध्यान आकर्षित किया था।
इसमें बताया था कि प्रदेश में ज्यादातर सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में आईसीयू हर समय फुल रहते हैं। गम्भीर मरीजों को आवश्यकता पडऩे पर आईसीयू में पलंग खाली होने का इन्तजार करना पड़ता है। बड़े सरकारी अस्पतालों ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी आईसीयू आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता। वहीं, हमेशा फुल रहने के कारण आईसीयू को संक्रमण रहित करने की प्रक्रिया भी श्रेष्ठ मानकों के अनुसार नहीं हो पा रही है।
इसमें बताया था कि प्रदेश में ज्यादातर सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में आईसीयू हर समय फुल रहते हैं। गम्भीर मरीजों को आवश्यकता पडऩे पर आईसीयू में पलंग खाली होने का इन्तजार करना पड़ता है। बड़े सरकारी अस्पतालों ही नहीं बल्कि निजी अस्पतालों में भी आईसीयू आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता। वहीं, हमेशा फुल रहने के कारण आईसीयू को संक्रमण रहित करने की प्रक्रिया भी श्रेष्ठ मानकों के अनुसार नहीं हो पा रही है।
मिली मंजूरी
राजस्थान पत्रिका में मुद्दा उठाए जाने पर चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर नए आईसीयू पलंगों का प्रस्ताव बना। सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव कोसीएम से मंजूरी भी मिल चुकी है। अब उम्मीद है कि सरकार के 4 साल पूरे होने के अवसर पर इसकी घोषणा की जाएगी।
राजस्थान पत्रिका में मुद्दा उठाए जाने पर चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर नए आईसीयू पलंगों का प्रस्ताव बना। सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव कोसीएम से मंजूरी भी मिल चुकी है। अब उम्मीद है कि सरकार के 4 साल पूरे होने के अवसर पर इसकी घोषणा की जाएगी।
पहला अस्पताल
हर वार्ड में अलग आईसीयू बनने के बाद एसएमएस प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के सरकारी अस्पतालों में संभवत: ऐसा पहला अस्पताल होगा, जहां हर वार्ड के साथ आईसीयू पलंग होंगे। इससे गंभीर मरीजों को तत्काल राहत मिल सकेगी।
हर वार्ड में अलग आईसीयू बनने के बाद एसएमएस प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के सरकारी अस्पतालों में संभवत: ऐसा पहला अस्पताल होगा, जहां हर वार्ड के साथ आईसीयू पलंग होंगे। इससे गंभीर मरीजों को तत्काल राहत मिल सकेगी।
दूसरे चरण में ये
अगले चरण में एसएमएस मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध जनाना अस्पताल, महिला अस्पताल, गणगौरी अस्पताल, मनोरोग और श्वांस रोग स ंस्थान में ऐसी ही व्यवस्था की जाएगी। फिर पूरे प्रदेश में
सूत्रों के अनुसार राजधानी के अस्पतालों के बाद प्रदेश में अन्य मेडिकल कॉलेज अस्पतालों सहित अन्य अस्पतालों में भी हर वार्ड में आईसीयू के 2-2 पलंगों की व्यवस्था की जाएगी।
अगले चरण में एसएमएस मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध जनाना अस्पताल, महिला अस्पताल, गणगौरी अस्पताल, मनोरोग और श्वांस रोग स ंस्थान में ऐसी ही व्यवस्था की जाएगी। फिर पूरे प्रदेश में
सूत्रों के अनुसार राजधानी के अस्पतालों के बाद प्रदेश में अन्य मेडिकल कॉलेज अस्पतालों सहित अन्य अस्पतालों में भी हर वार्ड में आईसीयू के 2-2 पलंगों की व्यवस्था की जाएगी।
– आईसीयू की कमी तो निश्चित तौर पर है। चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर हर वार्ड में दो-दो आईसीयू पलंग का प्रस्ताव तैयार किया गया, जो मंजूर हो चुका है। उम्मीद है कि इसी साल इस पर काम शुरू हो जाएगा।
डॉ. यूएस अग्रवाल, प्राचार्य एवं नियंत्रक, एसएमएस
डॉ. यूएस अग्रवाल, प्राचार्य एवं नियंत्रक, एसएमएस