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जयपुर

रिटायर्ड सैन्य अफसर बोले- पाकिस्तान के खिलाफ सेना को मिले छूट

रिटायर्ड सैन्य अफसरों का कहना है कि सीजफायर जैसे मसले पर पाकिस्तान से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।

जयपुरJun 14, 2018 / 05:07 am

Santosh Trivedi

indian army

सेना भर्ती

जयपुर। रिटायर्ड सैन्य अफसरों का कहना है कि सीजफायर जैसे मसले पर पाकिस्तान से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। पहले भी वह सैकड़ों बार युद्ध विराम का पासा फेंककर नापाक इरादे दिखा चुका है। वह गोलाबारी की आड़ में आतंकियों को घुसपैठ करवाने की फिराक में है। अब रमजान के पाक महीने में बेवजह फायरिंग कर उसने फिर जता दिया कि छद्म युद्ध जारी रखेगा। सरकार सेना को छूट दे।
पाक का छद्म युद्ध जारी
सीमा पर सीजफायर पाकिस्तान के लिए साजिश से कम नहीं है। तीन दिन पहले भी पाक डीजीएमओ ने सीजफायर का पासा फेंका और शाम होते-होते गोले बरसने लगे, जिसमें बीएसएफ जवान शहीद हो गया। बुधवार को फिर नापाक हरकत हुई जिसमें चार जवान शहीद हुए। पाकिस्तान सीजफायर का राग अलापे तो समझना चाहिए कि वह अपनी चौकियों को मजबूत करने के लिए समय मांग रहा है। सीजफायर उसके छद्म युद्ध का ही हिस्सा है।
पाकिस्तान से उम्मीद बेमानी
सीजफायर दो देशों की सेनाओं के बीच होता है। जबकि यहां तो आतंकियों और भारतीय सेना के बीच युद्ध विराम की बात हो रही है। यह जायज नहीं है। पाक तो युद्ध विराम केवल आतंकियों की घुसपैठ के लिए कराता है। वक्त आ गया है, राजनीतिक दल मत भेद भुलाएं, कश्मीर व देश के बारे में कड़े निर्णय लें। हमें सेना को और मजबूत और मुक्त करना होगा ताकि वह हमलों का मुंहतोड़ जवाब दे पाए।
निर्णायक जवाब दे सरकार
पाकिस्तान को प्रेम की भाषा समझ नहीं आती, न ही वह समझना चाहता है। हमारे राजनेता अच्छी छवि के चक्कर में सख्त जवाब नहीं दे रहे। ऐसे में हमें अपने बच्चों को खोना पड़ रहा है। अब समय आ गया है, मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। सरकार को अपनी पॉलिसी बदलनी चाहिए। बेटा करगिल में था तब उसने लिखा था कि ‘हम पर दुश्मन पहले फायर करता है, हम केवल जवाब देते हैं। पहले फायर करने के लिए हमें ऑर्डर ही नहीं मिलते। हमें हमेशा संयम बरतने के लिए कहा जाता है।’ आखिर हमारे बच्चे कब तक संयम बरतेंगे? सरकार को अब निर्णायक जवाब देना चाहिए।
ओमप्रकाश शर्मा, शहीद कैप्टन अमित भारद्वाज के पिता

पाकिस्तान ईमानदार कभी नहीं हो सकता
घर के भेदी ही नुकसान पहुंंचा रहे हैं। पाकिस्तान देश नहीं हैवान है, जो ईमानदार नहीं हो सकता। हमारी सेना को छूट दी जानी चाहिए। सबक सिखाने के लिए हमारी सेना 72 घंटे मांगती है, तो हम क्यों नहीं मौका दे रहे? जब तक डर नहीं होगा, आतंकवाद बढ़ेगा। नेताओं को समझना चाहिए, बच्चे जब शहीद होते हैं तो उनके परिवार पर क्या गुजरती है।
अजय अग्रवाल, शहीद मेजर योगेश अग्रवाल के पिता
खून के हर कतरे का हमें लेना होगा बदला
सीज फायर का कोई अर्थ नहीं रह गया है। सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए। पीओके को कब्जे में लेना चाहिए क्योंकि वहां आतंकवादी पनप रहे हैं। कश्मीर के रास्ते हमारे ही देश में एंट्री करवाता है। शहीदों के खून के हर कतरे का बदला लेना देश का फर्ज है। हमारी डिफेंस के पास सारी सुविधाएं हैं, कमी सिर्फ नेताओं में इच्छा शक्ति की है।
कैप्टन आरएस माथुर, शहीद मेजर आलोक माथुर के पिता
एक्शन लेने का मतलब केवल हल्ला मचाना नहीं
सीज फायर तो रोक नहीं सकते लेकिन तुरंत और सख्त एक्शन लेना चाहिए। राजनीति में बैठे लोगो के लिए खुलकर एक्शन लेने का मतलब सिर्फ यह है कि वे खुलकर हल्ला मचाने लग जाएंगे। सरकार पाकिस्तान पर दबाव बना रही है और सेना भी अब एक्शन लेने लगी है। लेकिन जरूरत पाक को पुख्ता सबक सिखाने की है।
माधुरी सिंह, फ्लाइंग ऑफिसर शहीद अभिमन्यु सिंह की मां
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