दिवाली पर आतिशबाजी के लिए बाजार सज चुका है। आतिशबाजी पर जीएसटी से पहले 14.5 फीसदी टैक्स था, जो अब 28 फीसदी हो चुका है। बाजार में खरीदारों की कमी है, बिक्री भी उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रही है। व्यापारियों का कहना है कि दिवाली के आस-पास बिक्री बढ़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली समेत एनसीआर में आतिशबाजी बैन के आदेश के बाद जयपुर के कारोबारियों में भी डर है। उसी को ध्यान में रखते हुए व्यापारियों ने आयटमों में कटौती कर दी है। रही सही कसर जीएसटी ने पूरी कर दी। इसके अलावा पर्यावरण को बचाने की मुहिम से भी आतिशबाजी के बाजार को झटका लग रहा है। व्यापारियों का कहना है ‘से नो क्रेक र्स’ के तहत तमाम स्कूलों में अभियान चलाए जा रहे हैं। इससे भी बाजार प्रभावित हो रहा है।
भले ही अभी शादियों का सीजन दूर है, लेकिन बुकिंग शुरू हो चुकी है। व्यापारियों का कहना है कि बुकिंग तो पहले जैसी ही हो रही है, लेकिन लोगों ने शादियों में आतिशबाजी के बजट में कटौती कर दी है। अब यह पहले की तुलना में 60 से 70 फीसदी ही रह गया है। ऐसे में उन व्यापारियों के सामने दिक्कत खड़ी हो गई है जो पूरे साल आतिशबाजी का काम करते हैं।
सुरेश कुमार हासानी, अध्यक्ष, जयपुर फायर वर्क्स डीलर समिति