कटारिया ने कहा कि एके 47 से फायर किए गए। अगर दीवार पर एके 47 से फायर किए जाएं तो वह दीवार को फाड़ दे। केवल इसलिए की हम कुछ नहीं कर सके क्योंकि एके 47 से हमला हुआ है। आखिर पुलिस मौजूद थी। थानेदार खुद अंदर था। एक आद गोली तो मारते। लगती या न लगती जो होता वो होता। कटारिया ने कहा कि सोमवार को उनकी पुलिस महानिदेशक से बात हुई और आज कार्रवाई हुई ये अच्छा कदम है। बता दें कि एसओजी ने पपला को भगाने में मदद करने वाले उसके तीन साथियों को पकड़ा है।
कटारिया ने आगे कहा कि पुलिस को बदनाम करने वाले अधिकारियों को बाहर निकल देना चाहिए। छह माह तक अच्छे पुलिस अधीक्षक को पूरी फ्रीडम देनी चाहिए। अगर वो सही काम नहीं करता तो उस पर एक्शन लें। उन्होंने कहा कि हालत ये है कि कांस्टेबल भी एसपी को नहीं गांठता। मुख्यमंत्री को पुलिस का मनोबल बढ़ाना चाहिए। राजस्थान में कानून व्यवस्था की हालत खराब है। हर जिले में जघन्य अपराध हो रहे हैं। प्रतिदिन अखबरों में अपराध की सबसे ज्यादा खबरें आ रही हैं। 85 प्रतिशत अपराध बढ़ गए हैं। छह माह में राजस्थान में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ चुकी है। कोई गंभीर नहीं है। मुख्यमंत्री को समय नहीं तो अलग से कोई गृहमंत्री बना दो।
पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि लगता है कानून व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। इसी पुलिस से हमारी सरकार के वक्त काम लिया जा रहा था, लेकिन तब अपराध की दर में लगातार गिरावट आई। 2018 की जुलाई तक और 2019 के जुलाई तक के आंकड़ों को जोड़ें तो 31 फ़ीसदी IPC के अपराध बढ़े हैं। महिलाओं पर अपराधों के मामले में तो स्थिति और भी ज्यादा भयावह है। जुलाई 2018 के मुकाबले 2019 में महिलाओं पर होने वाले अपराधों में 87 प्रतिशत इजाफा हुआ है।