scriptघाट की गूणी…चमक से पहले चपत…दिखने लगा चूना, 4.64 करोड़ पर पानी | Patrika News
जयपुर

घाट की गूणी…चमक से पहले चपत…दिखने लगा चूना, 4.64 करोड़ पर पानी

घाट की गूणी का वैभव लौटाने के लिए 4.64 करोड़ में विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। कई वर्ष के इंतजार के बाद गूणी के संरक्षण व जीर्णोद्धार के लिए फसाड़ वर्क शुरू तो हुआ, लेकिन काम खत्म होने से पहले ही लीपापोती नजर आने लगी है। गूणी फिर से बदरंग होने के साथ ही काम की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।

जयपुरMay 16, 2024 / 05:33 pm

Amit Pareek

jaipur

टूटी छतरियां

घाट की गूणी का वैभव लौटाने के लिए 4.64 करोड़ में विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। कई वर्ष के इंतजार के बाद गूणी के संरक्षण व जीर्णोद्धार के लिए फसाड़ वर्क शुरू तो हुआ, लेकिन काम खत्म होने से पहले ही लीपापोती नजर आने लगी है। गूणी फिर से बदरंग होने के साथ ही काम की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग ने अक्टूबर 2022 में घाट की गूणी में संरक्षण, जीर्णोद्धार व विकास कार्य शुरू किए। यहां फसाड़ वर्क करने के साथ छतरियों की मरम्मत व उन्हें मूल स्वरूप में लौटाने का काम किया जा रहा है। यह काम अप्रेल 2024 तक पूरा होना था, लेकिन अभी तक फसाड़ वर्क ही पूरा नहीं हो पाया है। इससे पहले ही जगह-जगह से खमीरे का रंग फीका पड़ने लगा है। वहीं चूना नजर आने लगा है। जबकि काम पूरा होने के दो साल बाद तक लायबिलिटी पीरियड होता है।
यों होना है संरक्षण

जानकारों की मानें तो चूना व सुरखी से प्लास्टर कर उस पर झीकी पाउडर से कड़ा किया जाता है, उसके बाद खमीरा (पीला रंग) किया जाता है, जो टिकाऊ होता है।
छतरियों का काम अभी शुरू नहीं

साल 2019 में भारी बारिश में घाट की गूणी की छतरियों को काफी नुकसान पहुंचा था। तब दो-तीन छतरियां टूट गईं, जो आज भी वैसी ही हैं। उस दौरान गूणी में जगह-जगह से प्लास्टर हट गया था। गूणी में फसाड़ वर्क तो शुरू हो गया, लेकिन ऐतिहासिक छतरियों का काम शुरू नहीं हो पाया है।
70 फीसदी काम पूरा होने का दावा

पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अफसरों का दावा है कि घाट की गूणी में संरक्षण व जीर्णोद्धार का 70 फीसदी काम हो चुका है। इसमें फसाड़ वर्क का काम करीब 90 फीसदी हो चुका है।

Hindi News/ Jaipur / घाट की गूणी…चमक से पहले चपत…दिखने लगा चूना, 4.64 करोड़ पर पानी

ट्रेंडिंग वीडियो