कर्नल बैंसला पक्ष ने कहा- ‘फैसला एक नवम्बर को’
कैबिनेट सब कमेटी की ओर से हुई घोषणाओं के बाद भी गुर्जरों के तेवर फिलहाल के लिए नर्म नहीं पड़े हैं। समाज के नेताओं ने सरकार की घोषणाओं पर समाज के बीच बैठकर ही आगे की रणनीति तय करने की बात कही है।
‘रिज़र्व और प्रक्रियाधीन भर्तियों का ज़िक्र ही नहीं’
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह भी सरकार की घोषणाओं से नाखुश दिखाई दिए। उन्होंने सरकार की तीन घोषणाओं में एक महत्वपूर्ण मांग पर कोई घोषणा नहीं किये जाने पर आश्चर्य जताया है। हिम्मत सिंह ने कहा है कि सरकार ने रिज़र्व पदों और प्रक्रियाधीन भर्तियों अपनी घोषणाओं में कहीं कोई ज़िक्र तक नहीं किया है जो आश्चर्यजनक है। उन्होंने इन घोषणाओं को गुर्जर आन्दोलन टालने के सन्दर्भ में समझौता मात्र करार दिया है।
गतिरोध के बीच इंटरनेट सेवाएं बंद
गुर्जर समाज के एक नवम्बर को आन्दोलन के लिए भरतपुर के पीलूपुरा में एकजुट होने का दिन नज़दीक आने के साथ ही स्थानीय प्रशासन की चिंताएं भी बढती जा रही हैं। हालात बिगड़ ना जाएँ इसके लिए प्रशासन अपने स्तर पर तैयारियों को अंजाम दे रहा है। इसी कड़ी में करौली और भरतपुर जिले की इंटरनेट सेवाएं सुरक्षा के मद्देनज़र बंद करने का फैसला लिया गया है।
प्रशासनिक आदेश के अनुसार आज मध्यरात्री 12 बजे से ही इंटरनेट सेवाओं को फिर से बंद कर दिया गया है। हालांकि पूर्व में हुए गुर्जर महापंचायत के दौरान भी इन दोनों जिलों में इंटरनेट बंदी हुई थी, लेकिन बाद में सेवाओं को सुचारु कर दिया गया था।
सरकार ने की हैं ये तीन घोषणाएं-
– 1252 लोगों को दिया जाएगा नियमित पे स्केल
– भाजपा सरकार के समय हुए गुर्जर आंदोलन में मारे गए तीन लोगों को सामाजिक सरोकार के तहत पांच-पांच लाख रूपए की दी जायेगी आर्थिक मदद
– गुर्जर आरक्षण मामले को नवीं अनुसूची में डलवाने के लिए राज्य सरकार फिर से लिखेगा केंद्र सरकार को पत्र
आज और कल छुट्टी का दिन होने के बाद भी अफसरों को मुख्यालय और अपने कार्यालय नहीं छोड़ने के आदेश दिए गए हैं। करौली और भरतपुर के प्रशास निक अफसरों और पुलिस अफसरों ने पहले ही अपने कार्मिकों की सभी छुट्टियां रद्द कर दी हैं। पिछले दिनों भी शनिवार को होने वाली महापंचायत को लेकर अफसरों और कार्मिकों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थीं।
एक नवम्बर को प्रस्तावित उग्र आंदोलन को लेकर पुलिस अफसरों ने आरएएसी की दस बटालियन की डिमांड की है। इसे लेकर पत्र पुलिस मुख्यालय भेजा जा रहा है। एक तारीख से पहले ही बटालियन मिलने की भी उम्मीद है। उधर पुलिस व प्रशासन के साथ ही रेलवे भी अलर्ट मोड़ पर है। 100 से अधिक आरपीएफ जवानों की बयाना, हिंडौन, डुमरिया व पीलूपुरा सहित गुर्जर बाहुल्य इलाकों में ट्रैक पर निगरानी के लिए तैनात किया गया है। गुर्जर आंदोलन के दौरान पहले भी कई बार रेलवे की संम्पत्तियां निशाना बन चुकी है। जिसे दुरुस्त करने में काफी समय लगता रहा है। ऐसे में लोगों की परेशानी नहीं बढ़े इसलिए पहले ही तैयारी की जा रही है।