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जयपुर

गुर्जर थमेंगे या राजस्थान थमेगा! फैसला 1 नवम्बर को, पुलिस-प्रशासन अलर्ट

– एमबीसी आरक्षण पर सरकार V/S गुर्जर समाज, घोषणाओं के बाद भी दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बरकरार, एक नवम्बर को भरतपुर के पीलूपुरा में जुटेगा समाज, महापंचायत में तय होगी आन्दोलन की रूपरेखा, गुर्जर नेताओं ने माना- घोषणाओं में अभी हैं कई पेंच! ख़त्म हो रहे अल्टीमेटम के बीच पुलिस-प्रशासन ने सम्भाला मोर्चा

जयपुरOct 30, 2020 / 12:01 pm

Nakul Devarshi

गुर्जर थमेंगे या राजस्थान थमेगा! फैसला 1 नवम्बर को, पुलिस-प्रशासन अलर्ट
जयपुर।

एमबीसी वर्ग को पांच प्रतिशत आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर राज्य सरकार और गुर्जरों के बीच गतिरोध बरकरार है। गुर्जरों के एक नवम्बर से आन्दोलन के अल्टीमेटम को देखते हुए भले ही सरकार ने गुरुवार को तीन महत्वपूर्ण मांगें पूरी करने के सन्दर्भ में घोषणाएं कर दी, पर गुर्जर समाज अब भी आन्दोलन को स्थगित करने के मूड में नहीं दिख रहा है। गुर्जर नेताओं का मानना है कि सरकार ने उनकी आधी-अधूरी मांगों पर ही घोषणाएं की हैं। ऐसे में एक नवम्बर को गुर्जर प्रस्तावित आन्दोलन के तहत एक नवम्बर को भरतपुर के पीलूपुरा में गुर्जरों का जुटना तय माना जा रहा है।

कर्नल बैंसला पक्ष ने कहा- ‘फैसला एक नवम्बर को’
कैबिनेट सब कमेटी की ओर से हुई घोषणाओं के बाद भी गुर्जरों के तेवर फिलहाल के लिए नर्म नहीं पड़े हैं। समाज के नेताओं ने सरकार की घोषणाओं पर समाज के बीच बैठकर ही आगे की रणनीति तय करने की बात कही है।
गुर्जर आरक्षण आन्दोलन के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र गुर्जर नेता विजय बैंसला ने समाज के लोगों से एक नवम्बर को पीलूपुरा शहीद स्थल पर सुबह 10 बजे तक पहुँचने का आह्वान किया है। बैंसला ने कहा है कि समाज के लोग अपनी पूरी तैयारी के साथ पहुंचें। पीलूपुरा से ही आन्दोलन के आगाज़ पर कोई फैसला लिया जाएगा।

‘रिज़र्व और प्रक्रियाधीन भर्तियों का ज़िक्र ही नहीं’
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह भी सरकार की घोषणाओं से नाखुश दिखाई दिए। उन्होंने सरकार की तीन घोषणाओं में एक महत्वपूर्ण मांग पर कोई घोषणा नहीं किये जाने पर आश्चर्य जताया है। हिम्मत सिंह ने कहा है कि सरकार ने रिज़र्व पदों और प्रक्रियाधीन भर्तियों अपनी घोषणाओं में कहीं कोई ज़िक्र तक नहीं किया है जो आश्चर्यजनक है। उन्होंने इन घोषणाओं को गुर्जर आन्दोलन टालने के सन्दर्भ में समझौता मात्र करार दिया है।

गतिरोध के बीच इंटरनेट सेवाएं बंद
गुर्जर समाज के एक नवम्बर को आन्दोलन के लिए भरतपुर के पीलूपुरा में एकजुट होने का दिन नज़दीक आने के साथ ही स्थानीय प्रशासन की चिंताएं भी बढती जा रही हैं। हालात बिगड़ ना जाएँ इसके लिए प्रशासन अपने स्तर पर तैयारियों को अंजाम दे रहा है। इसी कड़ी में करौली और भरतपुर जिले की इंटरनेट सेवाएं सुरक्षा के मद्देनज़र बंद करने का फैसला लिया गया है।

प्रशासनिक आदेश के अनुसार आज मध्यरात्री 12 बजे से ही इंटरनेट सेवाओं को फिर से बंद कर दिया गया है। हालांकि पूर्व में हुए गुर्जर महापंचायत के दौरान भी इन दोनों जिलों में इंटरनेट बंदी हुई थी, लेकिन बाद में सेवाओं को सुचारु कर दिया गया था।

सरकार ने की हैं ये तीन घोषणाएं-
– 1252 लोगों को दिया जाएगा नियमित पे स्केल
– भाजपा सरकार के समय हुए गुर्जर आंदोलन में मारे गए तीन लोगों को सामाजिक सरोकार के तहत पांच-पांच लाख रूपए की दी जायेगी आर्थिक मदद
– गुर्जर आरक्षण मामले को नवीं अनुसूची में डलवाने के लिए राज्य सरकार फिर से लिखेगा केंद्र सरकार को पत्र
मुख्यालय नहीं छोड़ने के आदेश
आज और कल छुट्टी का दिन होने के बाद भी अफसरों को मुख्यालय और अपने कार्यालय नहीं छोड़ने के आदेश दिए गए हैं। करौली और भरतपुर के प्रशास निक अफसरों और पुलिस अफसरों ने पहले ही अपने कार्मिकों की सभी छुट्टियां रद्द कर दी हैं। पिछले दिनों भी शनिवार को होने वाली महापंचायत को लेकर अफसरों और कार्मिकों की छुट्टियां रद्द कर दी गई थीं।
आईजी संजीव नार्जरी पूरे मामले को लेकर अपने पुलिस अधीक्षकों से लगातार संपर्क में हैं। उनका कहना है कि कानून बंदोबस्त किसी भी कीमत पर खराब नहीं हो इसे लेकर तैयारियां को अंतिम रुप दिया जा रहा है। जयपुर स्थित पुलिस मुख्यालय के अफसर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
पुलिस ने मांगी दस कपंनियां, उधर रेलवे भी तैयार
एक नवम्बर को प्रस्तावित उग्र आंदोलन को लेकर पुलिस अफसरों ने आरएएसी की दस बटालियन की डिमांड की है। इसे लेकर पत्र पुलिस मुख्यालय भेजा जा रहा है। एक तारीख से पहले ही बटालियन मिलने की भी उम्मीद है। उधर पुलिस व प्रशासन के साथ ही रेलवे भी अलर्ट मोड़ पर है। 100 से अधिक आरपीएफ जवानों की बयाना, हिंडौन, डुमरिया व पीलूपुरा सहित गुर्जर बाहुल्य इलाकों में ट्रैक पर निगरानी के लिए तैनात किया गया है। गुर्जर आंदोलन के दौरान पहले भी कई बार रेलवे की संम्पत्तियां निशाना बन चुकी है। जिसे दुरुस्त करने में काफी समय लगता रहा है। ऐसे में लोगों की परेशानी नहीं बढ़े इसलिए पहले ही तैयारी की जा रही है।

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