घाट के बालाजी मंदिर में महंत स्वामी सुदर्शनाचार्य के सान्निध्य में पवनपुत्र का दिव्य औषधि से पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके बाद हनुमानजी महाराज को नवीन पोशाक धारण करवाकर आकर्षक शृंगार किया गया। मंदिर में फूल बंगला झांकी सजाई गई। दिन में 5 मन लड्डूओं का भोग लगाकर भक्तों को प्रसादी वितरित की गई। शाम को सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन हुआ। इसके बाद आरती हुई।
खोले के हनुमानजी महाराज को चांदी की पोशाक और सवा पांच किलों का मुकुट धारण करवाया गया। इससे पहले सुबह 108 द्रव्य औषधीयुक्त जल से हनुमानजी का अभिषेक, षोडशोपचार पूजन किया गया। दोपहर में दुग्धाभिषेक और आरती की गई। शाम को भजन संध्या और रात को महाआरती हुई। इस बीच दिन में कई जगह से पदयात्राएं मंदिर पहुंची। इस मौके पर मंदिर रोशनी से जगमग रहा। लक्ष्मण डूंगरी व मंदिर परिसर को रोशनी से सजाया गया।