मंदिर से कुछ मीटर की दूरी पर प्रथम पूज्य के हाथ जोड़ते हुए नजर आए। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर से चप्पे चप्पे पर पुलिस की तैनाती रही। घरों से ही भक्तों ने आनलाइन विघ्नहर्ता के दर्शन कर दिन का श्रीगणेश किया। अलग-अलग मुहूर्त में घर-घर गणपति विराजमान किए जाएंगे। मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना और झांकी सजाई जाएगी।
वहीं घरों में विराजित द्वारपाल गणेशजी का अभिषेक कर भोग लगाया जाएगा। इस बीच मंदिरों में सुबह मंगला आरती की गई, दिनभर सभी झांकियां देखने लायक रहेगी। इसके साथ ही अबूझ मुहूर्त होने से दिनभर बाजारों में ग्राहकों की रौनक भी नजर आएगी। बीते साल कोरोना संक्रमण के चलते खरीददारी परवान नहीं चढ सकी थी। इस बार एक से बढकर एक आफर्स ग्राहकों को दिए जाएंगे।
नहीं भरा लक्खी मेला
मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में जन्मोत्सव दर्शन की मंगला आरती से शुरुआत हुई। महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में जन्मोत्सव दर्शन सुबह 5 बजे मंगला आरती से हुई। माणक-पन्ना युक्त सोने का मुकुट और नौलखा हार धारण किए गणेशजी चांदी के सिंहासन पर विराजमान रहेंगे। विशेष गणपति पूजा दोपहर 12.24 बजे से होगी।
राजशाही पोशाक करवाई धारण
ब्रह्मपुरी स्थित दाहिनी सुंड वाले नहर के गणेशजी मंदिर में महंत जय शर्मा के सानिनध्य में गणपति को गोटा-पन्नियों से श्रृंगारित कर राजशाही पोशाक, रजत मुकुट और आभूषण धारण करवाए जाएंगे। युवाचार्य पं.मानव शर्मा ने बताया कि गणपति का पंचामृत अभिषेक और महागणपति पूजन हुआ। शनिवार को ऋषि पंचमी महोत्सव मनाया जाएगा।
यहां भी हुए कार्यक्रम
गणेश पूजन समिति और नगर निगम की ओर से परकोटे के दरवाजों पर भगवान गणेश की प्रतिमाओं की पूजा अर्चना की जाएगी। गढ़ गणेश मंदिर में महंत प्रदीप औदिच्य के सान्निध्य में पुरुषाकृति गणपति का अभिषेक हुआ। जौहरी बाजार केजीबी का रास्ता स्थित सिद्धि गणेश मंदिर में लड्डुओं का भोग लगाया गया। सागर रोड आमेर स्थित प्राचीन आंकड़ा गणेश मंदिर में में कार्यक्रम हुआ।
चांदपोल स्थित परकोटे वाले गणेशजी मंदिर में पं.अमित शर्मा के सान्निध्य सोने का वर्क से चोला चढ़ाकर फूल बंगले की झांकी सजाई। सूरजपोल बाजार स्थित श्वेतसिद्धि विनायक मंदिर में महंत मोहनलाल शर्मा के सान्निध्य में भगवान का दुग्धाभिषेक हुआ। दोपहर में यज्ञ में आहुतियां दी गई। शाम को भगवान का अलौकिक शृंगार किया जाएगा। गलता गेट स्थित गीता गायत्री गणेश मंदिर में पं.राजकुमार चतुर्वेदी के सान्निध्य में गणपति का पंचामृत अभिषेक कर नवीन सिंदूर का चोला चढ़ाया।
झांकी समय मोतीडूूगरी गणेश मंदिर..
श्रृंगार आरती—सुबह 11.30 बजे
भोग आरती—दोपहर 2.15 बजे
संध्या आरती—शाम 7 बजे
शयन आरती—रात 7.45 बजे
वृश्चिक लग्न में पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त..
—सुबह 11.16 से दोपहर 1.34 बजे तक सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त गणेश पूजन का रहेगा
— सुबह 6.14 से 7.46 बजे तक चर का, सुबह 7.46 से 9.18 बजे तक का लाभ, सुबह 9.18 से 10.51 बजे अमृत का
—दोपहर 12.24 से 1.56 तक शुभ का और शाम 5.02 से 6.34 बजे तक का चर का चौघड़िया रहेगा। इस समयावधि में वाहन, प्रापर्टी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, आभूषण की खरीदी की जा सकती है।