चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) संशोधन विधेयक सदन में रखा, जिसे चर्चा के बाद पारित करवा दिया गया। सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ—साथ विपक्ष के सदस्यों ने भी तंबाकू के सेवन को लेकर चिंता व्यक्त की और इस ओर कठोर कदम उठाने की मांग रखी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने सदन में बताया कि ई सिगरेट पर तो तीस मई को ही राज्य सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने कहा कि हुक्का बार में निकोटिन नहीं होने की बात की जाती है, लेकिन धूंआ तो शरीर में जाता है, जिससे कई बीमारियों होती है। कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले जनघोषणा पत्र में हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया था।
यह किए प्रावधान
कोई भी व्यक्ति या तो स्वयं या अन्य व्यक्ति की ओर से किसी भी स्थान, जिसमें भोजनालय भी सम्मलित हैं, पर कोई भी हुक्का बार नहीं खोलेगा या नहीं चलाएगा। कोई भी पुलिस अधिकारी जो उप निरीक्षक स्तर से नीचे का ना हो। उसके पास यह अधिकार है कि वह हुक्का बार को बंद करवा कर सभी सामग्री जब्त कर सकेगा। हुक्का बार चलाए जाने का दोषी पाए जाने पर अधिकतम तीन वर्ष के कारावास की सजा हो सकती है। कम से कम एक वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। अधिकतम जुर्माना एक लाख रुपए और न्यूनतम जुर्माना पचास हजार रुपए होगा।