मालूम हो कि दागी सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को जल्द से जल्द से निपटाने के लिए विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन में सुस्ती बरते जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। एक मामले की सुनवाई करते हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रारों से 10 अक्टूबर तक यह बताने को कहा है कि ये अदालतें क्यों नहीं बनाई जा रही हैं?
‘राजस्थान पत्रिका’ ने इस पर अपने पाठकों से सोशल मीडिया के जरिए पूछा कि सभी पार्टियां खुद को पाक—साफ बताती हैं, लेकिन आपराधिक छवि वाले नेताओं को पालती-पोसती हैं। इन्हें खुद ही टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारती हैं। इस मर्ज का इलाज कैसे हो, स्वच्छ राजनीति के लिए जनता क्या करे? इस पर ढेरों पाठकों ने अपनी राय जाहिर की। ज्यादातर लोगों का कहना है कि आपराधिक छवि वाले नेताओं को टिकट नहीं दिया जाना चाहिए।
जानिए हमारे कुछ पाठकों की राय—
@Mahavir Khatri— कोई भी पार्टी अगर किसी दागी नेता को टिकट दे तो मीडिया उनकी पूरी डिटेल बताए और जनता को जागरूक कर उन्हें वोट न देने की अपील करें। इससे इन लोगों को टिकट मिलना स्वतः ही बंद हो जाएगा।
@Mahavir Khatri— कोई भी पार्टी अगर किसी दागी नेता को टिकट दे तो मीडिया उनकी पूरी डिटेल बताए और जनता को जागरूक कर उन्हें वोट न देने की अपील करें। इससे इन लोगों को टिकट मिलना स्वतः ही बंद हो जाएगा।
@Nitesh Sharma— पत्रिका की मुहिम सराहनीय है, लेकिन राजनीति में शुचिता लाने के लिए सबसे बड़ी बाधा जातीवादी वोट बैंक की राजनीति है। सबसे पहले उसे खत्म करना होगा। वर्तमान परिस्थितियों मे ऐसा होना बहुत मुश्किल लग रहा है।
@Saaim Israr— दागी नेताओं को टिकट नहीं देंगे तो इन पार्टियों को चुनाव लड़ने के लिए पैसा कहां से मिलेगा। सब ऊपर से नीचे तक मिले हुए हैं। आपराधिक छवि वाले नेताओं को टिकट नहीं दिया जाना चाहिए।
@Bablu Patel— आपराधिक छवि वाले नेताओं को किसी भी पार्टी से टिकट नहीं दिया जाना चाहिए । ऐसे नेताओं का खुद जनता को बहिष्कार करना चाहिए । @Alam Singh Vishwakarma— आसपास भी न भटकने दें। सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील है।
@Sanjay Singh Kushwaha— स्वच्छ भारत मिशन अपनाना है, सारे दाग हटाना है। @Veeru Bhai Bhai— दागी हो या बागी, टिकट नहीं मिलना चाहिए।