-कचरा पात्र में ही कचरा डालें, सडक पर गन्दगी नहीं फैलाएं
-सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करें।
-बच्चे माता-पिता से अपील करें कि बाजार जाएं तो घर से थैला लेकर ही निकलें।
-र-टू-डोर कचरा संग्रहण वाली गाड़ी में ही कचरा डालें।
-स्वच्छ सर्वेक्षण मेें सिटीजन फीडबैक में जो सवाल नागरिकों से पूछे जाने हैं, उसकी जानकारी बच्चों को दी जाएगी।
-बच्चों में इस भावना को विकसित करें कि जयपुर शहर उनका अपना शहर है और उसकी साफ-सफाई उनकी भी जिम्मेदारी है।
स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान केन्द्रीय टीम लोगों से सवाल भी पूछेगी। इसकी तैयारी भी निगम करवा रहा है। ऐसा ही एक प्रश्न और उसका जवाब जनता को भेजा जा रहा है। इनमें एक सवाल है..क्या आपको पता है कि आपके शहर के सार्वजनिक शौचालय गूगल मैप पर दर्ज है? इसका जवाब सार्वजनिक किया गया है…। गूगल पर पब्लिक टॉयलेट नियर मी.. लिखेंगें तो मोबाइल या लैपटॉप पर आस-पास के सार्वजनिक शौचालयों की जानकारी आ जाएगी। स्वच्छता सर्वेक्षण में सिटीजन फीडबैक के अंतर्गत सात सवाल शहरवासियों से पूछे जाएंगे, यह सवाल उन्हीं में से एक है।
निगम की टीम करेगी जागरूक
नगर निगम की टीमें दिसम्बर माह में स्कूल, कॉलेज एवं कोचिंग संस्थानों में जाकर नाटक, अपील व अन्य तरीकों से बच्चों को स्वच्छता और स्वच्छ सर्वेक्षण के बारे में जागरूक करेगी।