राजस्थान से लेकर गुजरात तक चुनावी मौसम हो या अन्य मौका, शराब हरियाणा से ही आती है। यह अंग्रेजी शराब केवल हरियाणा में बिक्री के लिए तैयार की जाती है लेकिन राजस्थान और गुजरात में बड़ी मात्रा में अवैध रूप से लाकर बेची जा रही है। राजस्थान में ड्यूटी अधिक होने से शराब काफी महंगी और और गुजरात में शराबबंदी होने से अवैध शराब जमकर बिक रही है। ऐसे में माफिया प्रत्येक ट्रक पर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। इसकी बड़ी राशि पुलिस व अन्य जिम्मेदारों तक पहुंच रही है। वे ही ट्रक पकड़े जाते हैं, जिनमें लेन-देन की बात बिगड़ती है। जिस पक्ष को मनमाफिक रकम नहीं मिलती, वही जासूसी कर देता है।
अवैध शराब की तस्करी कराने और माल पकड़वाने, दोनों ही मामलों में जेब में पैसा आता है। तस्करी कराने पर माल ले जाने वाला माफिया जेब भरता है, अवैध शराब आबकारी विभाग से पकड़वाने पर मुखबिर को मोटी राशि विभाग देता है। यह राशि विभाग की मुखबिर योजना के तहत पकड़े गए माल के अनुपात में दी जाती है।
अवैध शराब के करोड़ों के कारोबार के मुख्य सूत्रधारों तक आबकारी विभाग या राजस्थान पुलिस कभी नहीं पहुंची। शराब से भरे ट्रक जब भी पकड़े गए, अधिकांश में चालक-परिचालक भी हाथ में नहीं आए। आए भी तो पुलिस व आबकारी विभाग की कार्रवाई उन्हीं सीमित रह जाती है। कुछ दिन बाद चालक-परिचालक छूट जाते हैं, मामला समाप्त होने पर जब्त शराब को नष्ट कर दिया जाता है और वाहन की नीलामी की जाती है। वर्षों पहले राज्य में शराब बनाने के काम आने वाली स्प्रिट की तस्करी का बड़ा नेटवर्क पकड़ा गया था। इसमें मध्यप्रदेश से मुम्बई तक माफिया के तार सामने आए लेकिन बाद में मामला ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया।
राज्य में अवैध शराब के पकड़े गए ट्रकों के चालक-खलासियों से पूछताछ में हरियाणा के नारनौल, रेवाड़ी, सोनीपत, फरीदाबाद, अम्बाला, चण्डीगढ़ व अन्य कुछ शहरों से शराब लाने की बात सामने आई है। यहां से रोजाना कई ट्रक रवाना होते हैं। राज्य में कभी विशेष जांच अभियान चलने पर आपूर्ति रोक दी जाती है। गुजरात में बिकने वाली अवैध शराब की 55 फीसदी से अधिक राजस्थान के रास्ते पंजाब-हरियाणा से ही जा रही है। शेष शराब गोवा, महाराष्ट्र व दमनद्वीप से पहुंचती है।
1. शाहजहांपुर, कोटपूतली, शाहपुरा, जयपुर बाइपास, भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़़़, निम्बाहेड़ा, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, गांगड़ तलाई, गुजरात। 2. शाहजहांपुर, कोटपूतली, शाहपुरा, जयपुर बाइपास, किशनगढ़, अजमेर, ब्यावर, भीम, उदयपुर, गुजरात।
3. सोहना, भिवाड़ी, अलवर, सिकंदरा मोड़, दौसा, कोटा, आबूरोड, गुजरात।
5. शाहजहांपुर, कोटपूतली, शाहपुरा, जयपुर बाइपास, किशनगढ़, अजमेर, ब्यावर, पाली, सिरोही, रेवदर, आबूरोड, पालनपुर, गुजरात। 6. शाहजहांपुर, कोटपूतली, शाहपुरा, जयपुर बाइपास, चित्तौडगढ़़़, निम्बाहेड़ा, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, दाहोद-गुजरात।
7. चण्डीगढ़, हिन्दूमलकोट, श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, महाजन, लूणकरणसर, बीकानेर, मोहनगढ़, जैसलमेर, बाड़मेर, सांचौर, गुजरात।
सिरोही जिले के भुजेला में पिछले दिनों करोड़ों की अवैध शराब की लग्जरी गाडिय़ां पकड़ी गई लेकिन मामला अब तक केवल जांच तक सीमित है। इसे लेकर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने राज्य सरकार की जांच पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अवैध शराब कारोबार के असली सरगना और सरकारी कारिन्दे आखिर कब पकड़ जाएंगे। उन्होंने शेर के माध्यम से तंज कसा कि पैसे की खनक देखकर सबकुछ ठण्डे बस्ते में तो नहीं डाल दिया? उल्लेखनीय है कि सिरोही में पिछले दिनों ही करोड़ों की अवैध शराब पकड़ी गई थी। इसमें सीधे पुलिस अधीक्षक की मिलीभगत के आरोप लगे थे। हालांकि बाद में उन्हें पद से हटा दिया गया। इससे पहले लोढ़ा कह चुके हैं कि पुलिस मुख्यालय के अफसरों के इशारों से शराब बॉर्डर पार भेजी जाती है। सिरोही में उनकी पसंद के ही एसएचओ लगते हैं। डीजीपी से मुलाकात कर बताया भी था कि गुजराज तक शराब तस्करी समीपवर्ती थानों के जरिए होती है।