गाय का दूध तो अमृत कहा गया है। इसमें स्वर्ण मिला होता है जिसकी वजह से गाय का दूध हल्का पीला होता है। गाय की कूबड़ शिवलिंग के आकार की और ऊपर की ओर उठी होती है जिसमें सूर्यकेतु नाड़ी होती है। यह सूर्य की किरणों से निकलने वाली ऊर्जा को सोख लेती है। इससे गाय के शरीर में स्वर्ण उत्पन्न होता जोकि सीधे दूध और मूत्र में मिलता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित बताते हैं कि गोपाष्टमी पर गाय की पूजा जरूर करें। गाय को हरा चारा, मटर एवं गुड़ खिलाएं। जिनके घरों में गाय नहीं हैं वे गौशाला जाकर गाय की पूजा कर सकते हैं। आज गौशाला में गाय के भोजन के लिए नकद राशि दान कर सकते हैं। ग्वालों या दूध विक्रेताओं को तिलक लगाएं। इससे पुण्य फल प्राप्त होता है।