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जयपुर

Gopashtami गले में विष्णु, मुख में रहते हैं रुद्र, जानें कैसे और कहां बनता है गाय के शरीर में सोना

गाय का दूध तो अमृत कहा गया है। इसमें स्वर्ण मिला होता है जिसकी वजह से गाय का दूध हल्का पीला होता है।

जयपुरNov 22, 2020 / 10:00 am

deepak deewan

Importance Of Cow Worship Gopashtami 2020

Importance Of Cow Worship Gopashtami 2020

जयपुर. आज देशभर में गोपाष्टमी मनाई जा रही है। इस दिन गाय और बछड़े की पूजा की जाती है। उन्हें नहलाकर श्रृंगार करते हैं, पैरों में घुंघरू बांधते हैं। गाय की परिक्रमा कर उन्हें चराने बाहर ले जाते है। इस दिन ग्वालों या दूधवालों का भी सम्मान किया जाता है। गोपाष्टमी पर गौपूजन प्रारंभ करनेवाले भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा की जाती है।

सनातन धर्म में गाय को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार भविष्य पुराण में गाय में महिमा बताई गई है। भविष्य पुराण के अनुसार गाय के गले में विष्णु, मुख में रुद्र और पृष्ठ में ब्रह्म का वास है। रोमकूपों में सभी ऋषि, पूंछ में अनंत नाग, खुरों में समस्त पर्वत, मध्य में सभी देवता और नेत्रों में सूर्य-चन्द्र विराजित रहते हैं।
गाय का दूध तो अमृत कहा गया है। इसमें स्वर्ण मिला होता है जिसकी वजह से गाय का दूध हल्का पीला होता है। गाय की कूबड़ शिवलिंग के आकार की और ऊपर की ओर उठी होती है जिसमें सूर्यकेतु नाड़ी होती है। यह सूर्य की किरणों से निकलने वाली ऊर्जा को सोख लेती है। इससे गाय के शरीर में स्वर्ण उत्पन्न होता जोकि सीधे दूध और मूत्र में मिलता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित बताते हैं कि गोपाष्टमी पर गाय की पूजा जरूर करें। गाय को हरा चारा, मटर एवं गुड़ खिलाएं। जिनके घरों में गाय नहीं हैं वे गौशाला जाकर गाय की पूजा कर सकते हैं। आज गौशाला में गाय के भोजन के लिए नकद राशि दान कर सकते हैं। ग्वालों या दूध विक्रेताओं को तिलक लगाएं। इससे पुण्य फल प्राप्त होता है।
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