इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नाम पर साइबर अपराधी बल्क में रिफंड का फर्जी मैसेज भेजकर टैक्स पेयर्स के खाते में सेंध लगा रहे हैं। इन मैसेजों की सेंडर आईडी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नाम से ही होती है। ऐसा करने से लोगों में इस मैसेज के प्रति विश्वास पैदा हो जाता है। मैसेज में रिफंड करने का दावा किया जा रहा है।
साथ ही लिंक भी दिया जा रहा है। कहा जाता है कि यदि एकाउंट नंगर गलत है, तो इस लिंक पर क्लिक करके दूसरा एकाउंट नंबर डालें। जैसेी टैक्स पेयर इस लिंक को खोलता है, उसके फोन में एप के माध्यम से मालवेयर डाउनलोड हो जाता है।
मालवेयर फोन का पूरा एक्सेस लिंक भेजने वाले को दे देता है, जिससे यूजर के फोन में मौजूद वॉलेट, मोबाइल बैकिंग एप आदि का उपयोग कर साइबर अपराधी रकम उड़ा लेता है। क्रिप्टोकरेंसी में करते हैं रुपए कन्वर्ट
साइबर विशेषज्ञ आयुष भारद्वाज ने बताया कि पुलिस से बचने के लिए ये अपराधी पैसे को क्रिप्टोकरेंसी में कन्वर्ट कर देते हैं। क्रिप्टोकरेंसी किसी भी देश अथवा सरकार के नियंत्रण में नहीं होती और न ही इसकी ट्रेडिंग किसी भी देश की सरकार रोक पर रही है। चीन जैसे देशों में तो बाकायदा क्रिप्टोकरेंसी के एटीएम लगे हैं, जो इसे वहां की मुद्रा में परिवर्तित कर देते हैं। हवाला कारोबार में क्रिप्टो करेंसी बेहद उपयोग होती है। कई तरह के अवैध व्यापार क्रिष्टो करेंसी के माध्यम से ही होते हैं।
बचाव के उपाय
अपने वेब ब्राउजर में सेफ ब्राउजिंग एक्सटेशन को इनस्टॉल रखें।
फोन का ऑपरेटिंग सिस्टम समय—समय अपडेट करते रहें।
फोन को दूसरों को इस्तेमाल ना करने दें।
मोबाइल बैकिंग ऐप व वॉलेट पर ऐल लॉक करके रखें।